उत्तराखंड: कोरोना के बढ़ते मामलों को देख बॉर्डर पर बढ़ी सख्ती, बाहरी यात्रियों की हो रही जांच

कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देख दून में सीमाओं पर सख्ती के साथ कोरोना जांच की जा रही है। लेकिन, इस दौरान अव्यवस्था भी हावी है। आशारोड़ी चेक पोस्ट पर पुलिस बाहरी वाहनों को रोककर यात्रियों को जांच के लिए भेज रही है, पर जांच केंद्र में बड़ी संख्या में लगी भीड़ के चलते कोरोना गाइडलाइन की भी धज्जियां उड़ रही हैं। साथ ही धूप में घंटों खड़े यात्री स्वास्थ्य कर्मियों के साथ उलझ भी रहे हैं।

गुरुवार को सुबह साढ़े 11 बजे का समय है, बाहरी राज्यों से बड़ी संख्या में वाहन देहरादून की ओर आ रहे हैं। आशारोड़ी चेकपोस्ट पर करीब आधा दर्जन पुलिस कर्मी तैनात हैं और वाहनों को रोककर पूछताछ कर रहे हैं। जिसके पास 72 घंटे के भीतर की कोरोना निगेटिव जांच रिपोर्ट है, उन्हें दून में प्रवेश दिया जा रहा है। लेकिन, जो बिना रिपोर्ट के पहुंच रहे हैं, उन्हें पास में ही बनाए गए कोरोना जांच केंद्र में भेजा जा रहा है। ज्यादातर यात्री जानकारी के अभाव में बिना जांच कराए दून का रुख कर रहे हैं, जिससे यहां जांच केंद्र में दिनभर तांता लगा हुआ है। 

सरकार की ओर से अधिकृत निजी जांच लैब ने यहां पंजीकरण के लिए पांच स्टॉल लगाए हैं, जबकि तीन स्टॉल सैंपल संग्रह का कार्य कर रहे हैं। कुछ ही दूरी पर स्वास्थ्य विभाग भी जांच कर रहा है। लेकिन, यहां केवल तीन स्टॉल पंजीकरण और एक स्टॉल जांच के लिए उपलब्ध है। यहां न तो शारीरिक दूरी का पालन हो रहा है और न ही यात्री कतार बना रहे हैं। बार-बार यहां धक्का-मुक्की की नौबत भी रही। दिन में चटख धूप के बीच क्या बच्चे क्या बुजुर्ग सभी जांच के लिए खड़े हैं। ऐसे में कई बार तो स्वास्थ्य कर्मियों से नोकझोंक भी हो रही है। वहीं, पुलिस के साथ ही भी कुछ यात्री उलझ रहे हैं। आलम यह है कि कोरोना की जांच के लिए कोरोना संक्रमण फैलने का खतरा बना हुआ है।

जांच करानी होगी, अखबार नहीं पढ़ा

दिल्ली, हरियाणा, पंजाब आदि से आने वाले यात्रियों को पुलिस रोकने लगी तो उन्होंने कारण पूछा। पुलिस ने कहा कि कोरोना की जांच करानी होगी। यात्रियों ने विरोध किया तो पुलिस कर्मी उन्हें कहने लगे कि अखबार नहीं पढ़ा। तो यात्रियों ने उन्हें यह तर्क दिया कि दिल्ली के अखबार में तो नहीं लिखा है कि देहरादून जाने पर कोरोना जांच करानी होगी।

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