उत्तराखंड: कोरोना के कारण 80% कम हो गया नैनीताल का पर्यटन
बमुश्किल पटरी पर आया पर्यटन कारोबार फिर लड़खड़ाने लगा है। दिल्ली-एनसीआर, यूपी, पंजाब समेत कई शहरों में लगे प्रतिबंधों का असर नैनीताल के पर्यटन पर दिखने लगा है। यहां पर्यटकों की आमद करीब 80 फीसद तक घट गई है। मार्च अंत तक वीकेंड पर पांच हजार तक पर्यटक यहां आ रहे थे, मगर कोरोना के प्रतिबंधों के कारण अप्रैल के शुरुआती दिनों में आंकड़ा दो हजार तक सिमट गया है। यह हाल तब है, जब इस बार वीकेंड पर तीन दिन की छुट्टी भी थी।
सरोवर नगरी के पर्यटन में दिल्ली-एनसीआर के सैलानियों की बड़ी भूमिका है, जिनकी संख्या औसतन 50 फीसद रहती है। अब दिल्ली व इसके आसपास कोरोना केस बढ़ते ही सैलानियों की संख्या भी न के बराबर रह गई है, जिस कारण इस वीकेंड में पर्यटन स्थलों की रौनक नदारद रही। माल रोड सूना रहा। नाव चालक पर्यटकों के इंतजार में बैठे रहे। टैक्सी चालक, घोड़ा चालक, आउटडोर फोटोग्राफर के अलावा रेस्टोरेंट भी खाली रहे। होटलों के अधिकांश कमरे भी खाली हैं। इससे कारोबारियों के माथे पर चिंता की लकीरें पडऩी शुरू हो गई हैं। उन्हें लुभाने के लिए होटल-गेस्ट हाउसों के रेट 50 फीसद तक घटा दिए गए हैं। इसके बाद भी शहर सूना नजर आ रहा है।
पर्यटन पर आश्रित नैनीताल में सैलानियों का आना बंद होगा तो आर्थिक हालात बिगड़ जाएंगे। इसमें दोराय नहीं कि कोरोना से सुरक्षा जरूरी है, लेकिन सरकार को दोनों परिस्थितियों को देखते हुए संतुलित स्थिति बनानी होगी, जिससे कारोबार चलता रहा। जल्द ही होटल एसोसिएशन बैठक कर ठोस निर्णय लेगा।
-दिनेश चंद्र साह, अध्यक्ष होटल एसोसिएशन
पर्यटकों की आमद घटने से टैक्सी संचालकों के सामने बैंकों की किश्त जमा करनी मुश्किल हो गई है। लॉकडाउन के बाद से ही टैक्सी संचालक मुश्किल में हैं। इस बार सीजन से उम्मीद थी, मगर कोरोना ने फिर हालात विकट कर दिए।
-शानू साह, टैक्सी संचालक
लॉकडाउन के बाद से टूर एंड ट्रेवल्स कारोबार अब तक पटरी पर नहीं आया है। इस बार सीजन से उम्मीद थी, मगर कोविड-19 से फिर से कारोबार चौपट होने को है। सरकार को समझना होगा कि पर्यटन चौपट होगा तो यह किसी के हित मेें नहीं है।
-हारून खान, पम्मी, टूर एंड ट्रेवल्स एजेंसी संचालक
यहां पहुंचे इतने सैलानी
पर्यटन स्थल इस बार पिछली बार
चिडिय़ाघर 551 931
बॉटनिकल गार्डन 56 160
वाटर फॉल 316 469