किसान आंदोलन: टिकरी बॉर्डर के पास शख्स को शहीद बताकर जिंदा जला दिया गया, मृतक के भाई के बयान पर केस दर्ज

नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लाए गए कृषि कानून के विरोध में जारी ‘किसान’ आंदोलन के प्रदर्शन स्थल से सनसनीखेज मामला सामने आया है। खबर है कि टिकरी बॉर्डर के पास एक शख्स को शहीद बताकर जिंदा जला दिया गया और साथ ही उसपर जातिसूचक टिप्पणी भी की गई। अब मृतक के भाई के बयान पर केस दर्ज हुआ है। आंदोलन के नाम पर हुई ये भयानक वारदात बहादुरगढ़ बाईपास पर स्थित गाँव कसार के पास बीते बुधवार रात 3 बजे की है। मुकेश कसार का ही निवासी था और शाम को घूमते हुए आंदोलन में शामिल होने आया था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, मुकेश को पहले शराब पिलाई गई। फिर विवाद होने पर उसे शहीद बता कर उस पर पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी गई।

इस वारदात के बाद सोशल मीडिया पर कुछ यूजर्स कह रहे हैं कि कसार ब्राह्मणों का गाँव है और मुकेश को कृष्ण व एक अन्य आरोपित यह कह के हवाले कर दिया कि ब्राह्मण किसान आंदोलन में नहीं आते। घटना के बाद मुकेश को तत्काल पास के सिविल अस्पताल में एडमिट कराया गया, जहाँ उनका उपचार चला और फिर हालत नाजुक देख उन्हें रेफर कर दिया गया। इसके बाद परिजन उन्हें ब्रह्मशक्ति संजीवनी अस्पताल लेकर गए। किन्तु कुछ घंटों बाद वहाँ उनकी मौत हो गई।

मीडिया रिपोर्ट के अनुसार पुलिस को दी शिकायत में मुकेश के भाई मदनलाल ने कहा कि, ‘मेरा भाई मुकेश बुधवार शाम करीब 5 बजे घर से घूमने के लिए निकला था। घूमते-घूमते वह किसान आंदोलनकारियों के पास पहुँच गया। मुझे फोन कॉल से पता चला कि भाई पर आंदोलनकारियों ने जान से मारने के इरादे से पेट्रोल छिड़क कर आग लगा दी। मैं फ़ौरन पूर्व सरपंच टोनी को लेकर घटनास्थल पर पहुँचा, तो मेरा भाई मुकेश गंभीर रूप से झुलसा हुआ था। उसे हम फ़ौरन सिविल अस्पताल लेकर आए। यहाँ इलाज के दौरान मुकेश ने बताया कि आंदोलन में कृष्ण नामक एक शख्स (सफेद कपड़े पहने हुए था) ने पहले शराब पिलाई और फिर उसे आग लगा दी। इससे वह बुरी तरह झुलस गया।’ मुकेश की मौत के बाद पुलिस ने मदनलाल के बयान के आधार पर केस दर्ज करके कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोपित फिलहाल फरार बताये जा रहे हैं।

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