देश में 91 दिनों बाद सबसे कम आए कोरोना केस, 24 घंटे में इतने लोगों की हुई मौत
नई दिल्ली: कोरोना मामलों में लगातार गिरावट दर्ज की जा रही है. देश में 91 दिनों बाद सबसे कम कोरोना केस सामने आए हैं. स्वास्थ्य मंत्रालय के ताजा आंकड़ों के अनुसार, पिछले 24 घंटों में 42,640 नए कोरोना केस आए और 1167 संक्रमितों की जान चली गई है. इससे पहले 22 मार्च को 40,715 कोरोना केस दर्ज किए गए थे. बीते दिन 81,839 लोग कोरोना से ठीक भी हुए हैं यानी कि कल 40,366 एक्टिव केस कम हो गए.
कोरोना संक्रमण की ताजा स्थिति-
- कुल कोरोना केस– दो करोड़ 99 लाख 77 हजार 861
- कुल डिस्चार्ज– दो करोड़ 89 लाख 26 हजार 38
- कुल एक्टिव केस– 6 लाख 62 हजार 521
- कुल मौत– 3 लाख 89 हजार 302
देश में लगातार 40वें दिन कोरोना संक्रमण के नए मामलों से ज्यादा रिकवरी हुई हैं. 21 जून तक देशभर में 28 करोड़ 87 लाख कोरोना वैक्सीन के डोज दिए जा चुके हैं. बीते दिन रिकॉर्ड 86 लाख 16 हजार टीके लगाए गए. वहीं अबतक 39 करोड़ 40 लाख से ज्यादा कोरोना टेस्ट किए जा चुके हैं. बीते दिन करीब 16 लाख कोरोना सैंपल टेस्ट किए गए, जिसका पॉजिटिविटी रेट 3 फीसदी से ज्यादा है.
देश में कोरोना से मृत्यु दर 1.30 फीसदी है जबकि रिकवरी रेट करीब 96 फीसदी है. एक्टिव केस घटकर 3 फीसदी से कम हो गए हैं. कोरोना एक्टिव केस मामले में दुनिया में भारत का तीसरा स्थान है. कुल संक्रमितों की संख्या के मामले में भी भारत का दूसरा स्थान है. जबकि दुनिया में अमेरिका, ब्राजील के बाद सबसे ज्यादा मौत भारत में हुई है.
वैक्सीनेशन ने पकड़ी रफ्तार
कोविड टीकाकरण के लिए संशोधित दिशानिर्देशों के पहले दिन सोमवार को देशभर में टीके की 86.16 लाख से अधिक खुराक दी गईं. गत 16 जनवरी से शुरू हुए टीकाकरण अभियान के बाद से एक दिन में टीके की सबसे अधिक खुराक लगाई गई है. इससे पहले कोविड रोधी टीके की सर्वाधिक 48 लाख से अधिक खुराक एक अप्रैल को लगाई गई थीं.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड रोधी टीके की रिकॉर्ड संख्या में खुराक लगाए जाने को ‘हर्षित करने वाला’ कार्य करार दिया और कहा कि महामारी से लड़ाई में टीका सबसे मजबूत हथियार है. पीएम मोदी ने कहा, “आज रिकॉर्ड संख्या में हुआ टीकाकरण हर्षित करने वाला है. कोविड-19 से लड़ाई में टीका हमारा सबसे मजबूत हथियार बना हुआ है. जिन लोगों का टीकाकरण हुआ, उन्हें बधाई और अग्रिम पंक्ति के वे सभी कर्मी प्रशंसा के पात्र हैं, जिन्होंने इतने लोगों का टीकाकरण सुनिश्चित करने के लिए कड़ी मेहनत की.”