मानसून में कमजोर पड़ने लगती है इम्युनिटी, ये चीजे करें डाइट में शामिल

बारिश के दिनों में अपने घर के अंदर ही दुबके रहने के कई फायदे हैं – ना तो कोई आपकी नई जीन्स पर कीचड़ के छींटें उछाल पाएगा, ना सड़क पर बिछे अनगिनत गड्ढों से गुजरते हुए एस्सेल वर्ल्ड का डिस्काउंटेड अनुभव होगा, और ना ही एक भरी सड़क के बीच तेज़ हवाओं में उड़ते छाते को पकड़ने के लिए दौड़ लगानी पड़ेगी। लेकिन फिर भी कुछ है जो ना चाहते हुए भी आपकी शांत, आरामदायक शामों के रास्ते में रोड़ा अटका सकती है – मानसून के दौरान आपकी इम्युनिटी, जो इस समय क्षीण होने लगती है। वो अचानक से आ जाने वाली अनगिनत छींकें, जो बारिश शुरू होने के साथ ही आपका दरवाज़ा खटखटाना शुरू कर देती हैं। और यह तो सिर्फ शुरुआत है, इसके बाद आने वाले बिन बुलाए मेहमानों (गले में खराश, सर्दी-जुखाम और खराब पेट) की लिस्ट काफी लम्बी हो सकती है।

स्वीट पोटैटो (शकरकंद) बीटा-कैरोटीन के सबसे अच्छे स्त्रोतों में से एक है। हररोज़ एक स्वीट पोटैटो आपके विटामिन ए के डेली डोज़ के लिए पर्याप्त है। इससे आपकी नाक के भीतर की म्यूकस लाइनिंग स्वस्थ रहती है, जो कि हानिकारक वायरस और बैक्टीरिया के खिलाफ आपकी सुरक्षा का पहला पड़ाव है। यह वाइट ब्लड सेल्स के उत्पादन में भी मदद करता है, जो इंफेक्शंस से लड़ते हैं।

#लहसुन भी एक ऐसा इंग्रीडिएंट है जिसे आपको अपने आहार में शामिल करना चाहिए। इसमें सल्फर-युक्त एलिमेंट्स होते हैं जो कॉमन कोल्ड और फ्लू के वायरस से लड़ने में सक्षम हैं। लहसुन को तैयार करने और पकाने का तरीका बहुत ही अहम है – इस पीसने या काटने के बाद, खाने से पहले 10 मिनट के लिए रख कर छोड़ देना चाहिए, जिससे इसमें एलिसिन की मात्रा बढ़ जाती है। एलिसिन वह कंपाउंड है जो इंफेक्शंस से लड़ने में बहुत सहायक है।

शिमला मिर्च में खट्टे फलों की तुलना में अधिक मात्रा में विटामिन सी होता है। विटामिन सी शरीर में एंटीबॉडी और वाइट ब्लड सेल्स के उत्पादन को बढ़ाता है, जिससे मानसून के दौरान आपकी इम्युनिटी भी बढ़ती है।

हल्दी में अविश्वसनीय हीलिंग के गुण होते हैं इसलिए इसका ज़्यादा से ज़्यादा इस्तेमाल करें। इसमें एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटी-फंगल और एंटी-बैक्टीरियल गुण भी होते हैं। हल्दी को मिर्च और कोल्ड प्रेस्ड या वर्जिन ऑलिव ऑइल के साथ मिलाकर उपयोग करने से पर्याप्त मात्रा में न्यूट्रिएंट्स का अवशोषण होता है।

# आपकी ग्रोसरी लिस्ट में जिंक से भरपूर फूड प्रोडक्ट्स भी होने चाहिए। जिसमें लैम्ब, पम्पकिन सीड्स, चना, कोको पाउडर, दही और मशरुम शामिल हैं। बॉडी में टी- सेल्स को एक्टिवेट करने के लिए ज़िंक की आवश्यकता होती है, ताकि इम्यून सिस्टम अपना काम अच्छे से कर सके।

# दही, बीट क्वास, फर्मेन्टेड सब्जियां, केफिर, सॉकरक्राट और किमची जैसे प्रोबायोटिक्स आंतों की सूजन को नियंत्रण में रखते हैं। कुछ मामलों में, आंत की सूजन से फ्लू और अन्य क्रॉनिक इंफेक्शंस हो सकते हैं।

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