स्व बाबूलाल श्रीवास्तव की 27 वीं पुण्य तिथि नगर के मालती इंटर कालेज के प्रांगण में मनाया गया संकल्प दिवस
राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के प्रतापगढ़ के संस्थापक अध्यक्ष स्व बाबूलाल श्रीवास्तव की 27 वीं पुण्य तिथि नगर के मालती इंटर कालेज के प्रांगण में संकल्प दिवस के रूप में मनाया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में बाबूगंज सागर अमेठी के पीठा धीश्वर 1008 स्वामी अभय चैतन्य , बालब्रह्मचारी , फलाहारी मौनीजी महराज रहे । मौनी जी महाराज ने स्व बाबूलाल श्रीवास्तव को भाव पूर्ण श्रद्धा सुमन अर्पित करते हुए पितरों को याद करना जरूरी है सनातन धर्म में पितरों को देवता के रूप में माना गया है। अपने माता पिता को देवता के रूप में मानना चाहिए माता पिता ही हर व्यक्ति के प्रथम देवता हैं। उन्होंने श्रद्धांजलि शब्द के एक एक अक्षर पर वृहद व्याख्या प्रस्तुत करते हुए उसकी सार्थकता पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में भाजपा के प्रदेश के पूर्व महामंत्री व बाल्यकाल से स्वयं सेवक रहे विंध्यवासिनी कुमार श्रीवास्तव ने स्व बाबूलाल श्रीवास्तव के अविस्मरणीय दृष्टांत को प्रस्तुत किया। उन्होंने ने कहा बाबू जी का जीवन सभी को आत्मसात करने की आवश्यकता है ।उनके पद चिन्हों पर चलकर राष्ट्र निर्माण में अपने जीवन को समर्पण करने की प्रेरणा बाबू जी के जीवन दर्शन जो से मिलता है उस पर चलाना ही उनको सच्ची श्रद्धांजलि होगी। जनपद में स्वयं सेवक संघ के जिला संघ चालक रहे सिया राम जी ने बाबूजी के जीवन यात्रा को विस्तार से प्रस्तुत किया। पूर्व विधायक हरिप्रताप ने बाबूजी के जीवन गाथा पर चर्चा हुए बाबूजी के नाम से शीघ्र ही पीडब्ल्यू डी से विकास भवन जाने वाले मार्ग को स्व बाबूलाल श्रीवास्तव के नाम से किए जाने की घोषणा की। इस अवसर पर धर्माचार्य ओम प्रकाश पांडेय रामानुजाचार्य ने बाबू जी के साथ अपने बिताए क्षण और उनकी जेल यात्रा के संस्मरण को लोगो के समक्ष रखा तो लोगो की आंखे भरा आई। इस अवसर पर जनपद के जाने माने मूर्धनय कवियों ने अपनी कविताओं से भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित किया। आयोजित काव्य संध्या पर संचालन डॉक्टर श्याम जी शुक्ल ने किया उन्होंने दीप कला का जला दिया तो ,उजियारा को चाहने वाला भी दे.. कवि अनूप उपाध्याय ने पिता और पुत्र के संस्कार पर आधारित अपनी ऐसी रचना प्रस्तुत की लोगों के आंखों से आंसू छलक पड़े। हिंदी काव्य के सशक्त हस्ताक्षर नागेंद्र अनुज ने अपनी काव्य पाठ से लोगो को अपनी ओर आकर्षित कर लिए।
प्रेम कुमार की बाबू जी जीवन दर्शन पर आधारित काव्य पाठ ने बाबू जी के जीवन चरित्र को जागृत कर दिया। जनपद के जाने माने कवि और गीतकार सुनील प्रभाकर* सुनील* जी ने अपनी अनूठी काव्य रचना से पूरे माहौल को बदल दिया। इस अवसर पर डॉक्टर ए.के .कुलश्रेष्ठ, अश्वनी केसरवानी , संजीव आहूजा, शरद केसरवानी, ओम प्रकाश त्रिपाठी, स्वामी मनोज ब्रह्मचारी जी महाराज, रवि प्रताप सिंह, मुन्ना सिंह बहुचरा, दिनेश शर्मा, रमेश जी, अंजनी सिंह, युवा मोर्चा के जिला अध्यक्ष अंशुमान सिंह, डॉक्टर पीयूष कांत शर्मा, शिव मोहन श्रीवास्तव, राज नारायण सिंह, गोकुल नाथ श्रीवास्तव, मीना श्रीवास्तव,शिवानी मातन हेलिया, कैबिनेट मंत्री ग्राम्य विकास मोती सिंह के प्रतिनिधि विनोद पांडेय, डॉक्टर क्षितिज श्रीवास्तव,डॉक्टर अतुल श्रीवास्तव, अरुण श्रीवास्तव, अमितेंद्र श्रीवास्तव मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन स्व बाबूलाल श्रीवास्तव जी के सुपुत्र सेवा निवृत्त न्यायाधीश ज्ञान चंद्र श्रीवास्तव ने किया।