दिव्यांग बेटे को पीठ पर लादकर दुनिया घूमने निकली माँ, कहानी जानकर आंखे हो जाएगी नम
मां से बढ़कर इस दुनिया में कोई नहीं होता और इस कहानी को जानने या पढ़ने के बाद आपको रोने का मन करेगा। जी दरअसल कहा जाता है भगवान हर जगह नहीं हो सकता, इसलिए उसने मां को बनाया। आज की दुनिया में एक मां अपने बच्चे को हर मुसीबत से बचाने और उसे हर खुशी देने के लिए किसी भी हद तक जा सकती है। अब इन दिनों एक कहानी चर्चाओं में है जो ऑस्ट्रेलिया की एक मां निकी एंट्रम की है। यह वह माँ है जिन्होंने अपने दिव्यांग बेटे को पीठ पर लादकर आधी दुनिया दिखा दी।
जी हाँ और इस समय सोशल मीडिया पर इस मां-बेटे की कुछ खूबसूरत तस्वीरें वायरल हो रही हैं। इन तस्वीरों को देखने के बाद यकीनन आप भी भावुक हो जाएंगे। बताया जा रहा है 43 साल की निकी एंट्रम जब महज 17 साल की थीं, तब उन्होंने अपने बेटे जिमी को जन्म दिया था। हालाँकि यह उनका दुर्भाग्य था कि उनका बेटा दिव्यांग पैदा हुआ था। जिमी दिव्यांग होने के साथ ही ठीक से देख भी नहीं सकता। या यूं कहें कि वह अंधेपन का शिकार था। यह सब होने के चलते निकी को 24 घंटे उसकी देखभाल करनी पड़ती है और मां ने अपने बेटे की खुशियों के बीच उसकी ये परेशानी को कभी आड़े नहीं आने दिया। अब जिमी 26 साल का हो चुका है और निकी ने उसे अपनी पीठ पर लादकर हवाई से बाली और दुनिया की कई जगहों की सैर करा दी है। निकी एंट्रम ऑस्ट्रेलिया में क्वींसलैंड के सनशाइन कोस्ट की रहने वाली हैं।
जी हाँ और उन्होंने अपने बेटे को एक अच्छी जिंदगी देने का वादा किया था। मां होने के नाते निकी अपने बेटे को वो हर खुशी देना चाहती है, जो एक नॉर्मल बच्चे को चाहिए होता है। निकी का कहना है कि कोरोना के फैलने से पहले वे अपने बेटे जिमी को कनाडा की सैर कराना चाहती हैं। इस समय सोशल मीडिया पर इस मां-बेटे की कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं जो आप यहाँ देख सकते हैं। निकी एंट्रम ने बताया कि उन्हें छुट्टियों पर जाते वक्त डायपर, कपड़े, बेड पैड्स, बेड शीट्स और पिलो ले जाने होते हैं। अब निकी को अपने बेटे को पीठ पर लादने की प्रैक्टिस हो चुकी है और वह अभी और जगहें घूमेंगी।