भाजपा की झोली में छह विधायक देने वाले उन्नाव के हाथ इस बार नजर आ रहे खाली, डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक का है गहरा नाता

भाजपा के खाते में छह विधायक दे चुके उन्नाव को वैसे तो सीधे तौर पर योगी की कैबिनेट में कुछ नहीं मिला है लेकिन उपमुख्यमंत्री बनाए गए ब्रजेश पाठक का गहरा नाता रहा है। डिप्टी सीएम का उन्नाव की राजनीति से खास जुड़ाव है। हालांकि पिछली बार भी उन्नाव के भगवंतनगर विधायक हृदय नारायण दीक्षित को विधानसभा अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी मिली थी लेकिन इस बार सीधे तौर पर जनपद के हाथ कुछ नहीं आया है।

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक 2004 में बसपा के बड़े ब्राह्मण नेता के चेहरे के रूप में उभरे थे और उन्नाव लोकसभा सीट से जीत हासिल की थी। उसके बाद 2009 में उन्हें राज्यसभा में भेजा गया था। उनकी पत्नी उन्नाव सदर विधानसभा क्षेत्र से 2012 में चुनाव लड़ी थीं, लेकिन मात मिली। इसके बाद भी पाठक का यहां के लोगों से लगातार जुड़ाव बरकरार रहा। कानून मंत्री रहते भी वह लोगों को विशेष तरजीह देते रहे। शुक्रवार को उनके उपमुख्यमंत्री पद की शपथ लेते ही यहां समर्थक खुशी से झूम उठे।

यूं तो ब्रजेश पाठक पड़ोसी जिले हरदोई के मल्लावां से हैं लेकिन दोनों सीमाएं जुड़ी होने से उनका जनपद में अच्छा राजनीतिक दखल है। 1989 में छात्र राजनीति से लखनऊ में अपना सफर शुरू किया। 1990 में लखनऊ विश्वविद्यालय छात्रसंघ का चुनाव लड़े और अध्यक्ष बने। इसके बाद फिर उन्होंने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। वर्ष 1992 में कांग्रेस का दामन थामा। 2002 के विधानसभा चुनाव में मल्लावां सीट से चुनाव लड़े और कुछ वोटों से हार गए। 2004 में बसपा में शामिल होकर उन्नाव से सांसद बने। बसपा में सतीश चंद्र मिश्र के साथ ही ब्रजेश पाठक बड़ा ब्राह्मण चेहरा थे। इसीलिए वर्ष 2009 में बसपा सुप्रीमों मायावती ने उन्हें राज्यसभा भेजकर पार्टी का मुख्य सचेतक बना दिया। उनकी पत्नी नम्रता पाठक मायावती सरकार में उप्र महिला आयोग की उपाध्यक्ष भी रहीं। 2014 के चुनाव में ब्रजेश फिर लोकसभा चुनाव मैदान में उतरे, लेकिन हार गए थे। वर्ष 2016 में वह भाजपा में शामिल हो गए। 2017 में लखनऊ मध्य सीट से चुनाव लड़कर विधायक और योगी सरकार में कानून मंत्री बने।

खाली हाथ रह गया छह विधायक देने वाला उन्नाव : प्रदेश की राजनीति में वैसे तो हर सरकार में जिले के जनप्रतिनिधियों का दखल रहा है। कांग्रेस सरकार में स्व. गोपीनाथ दीक्षित, मुलायम ङ्क्षसह की सपा सरकार में चौ. अशोक ङ्क्षसह बेबी, बसपा शासनकाल में स्वर्गीय रामशंकर पाल, अखिलेश के नेतृत्व वाली सपा सरकार में सुधीर रावत को सरकार में प्रतिनिधित्व दिया गया था। वर्ष 2017 में योगी सरकार में विधानसभा अध्यक्ष का पद भगवंतनगर विधानसभा क्षेत्र के विधायक हृदयनारायण दीक्षित को मिला था। इस बार जिले की सभी छह सीटों पर भाजपा जीती है, लेकिन कोई भी मंत्री नहीं बना। पिछली सरकार में सफीपुर के रहने वाले राज्यमंत्री रहे मोहसिन रजा को भी इस बार मंत्रिमंडल में जगह नहीं मिली है।

Related Articles

Back to top button