गोरखनाथ मंद‍िर में तीन बार पहले भी मिल चुकी है विस्फोट करने की कई धमकियां….

गोरखनाथ मंदिर के सुरक्षाकर्मियों पर हमले की घटना पहले ही पहली बार हुई हो, लेकिन मंदिर में विस्फोट और धमकी कई बार मिल चुकी है। मोबाइल नंबर और इंटरनेट काल के जरिये मिलने वाली धमकियों की पुलिस ने पड़ताल तो कराई लेकिन शरारती तत्वों पर सख्त कार्रवाई नहीं हो सकी। नेपाल बार्डर से सटे होने की वजह से भी गोरखनाथ मंदिर और आसपास का इलाका संवेदनशील बना रहता है। सोनौली बार्डर से होकर कई बार आतंकी देश के विभिन्न हिस्सों में पहुंच चुके हैं। इस वजह से गोरखपुर और आसपास का क्षेत्र आतंकी निशाने पर भी रहता है। पिछले पांच साल से शहर में विस्फोट करने की कई धमकियां मिल चुकी हैं।

कब-कब मिली बम बिस्फोट की धमकी

24 जनवरी 2017: पुलिस कंट्रोल को फोन करके रेलवे स्टेशन उड़ाने की धमकी दी। जांच में जुटी एजेंसियां सिर्फ नाम-पते के बारे में जानकारी जुटाती रहीं। कुछ दिनों के बाद पुलिस मामले को भूल गई।

01 अप्रैल 2016: कैंट थाना के सामने खड़ी बस में बम होने की सूचना पुलिस को दी गई। पुलिस ने जांच शुरू की तो काल करने वाले का पता नहीं लग सका।

28 मार्च 2016: किसी ने पुलिस कंट्रोल रूम को फोन करके सीरियल ब्लास्ट करने की धमकी दी। बताया कि दोपहर तीन बजे से लेकर छह बजे के बीच में एक- एक करके 25 जगहों पर बम फूटेंगे।

03 मार्च 2016: दिल्ली से गोरखपुर आ रही जेट एयरवेज को बम से उड़ाने की धमकी, काल को ट्रेस करने में पुलिस नाकाम रही।

तीन बार मिल चुकी है मंदिर में बिस्फोट की धमकी

04 फरवरी 2022 : गोरखनाथ मंदिर और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को बम से उड़ाने की धमकी लेडी डान नामक एक ट्वीटर हैंडल से ट्वीट करके दी गई। इस ट्वीट में लखनऊ विधानसभा और मेरठ में भी बम धमाका करने की धमकी दी गई थी।

29 सितंबर 2020 : बांसगांव, बेदौली गांव के रहने वाले युवक ने पुलिस कंट्रोल रूम में फोन कर गोरखनाथ मंदिर में बस विस्फोट करने की धमकी दी।सर्विलांस की मदद से पुलिस ने आरोपित को गिरफ्तार कर जेल भेजा।

26 मार्च 2016 : इंटरनेट काल के जरिए कुशीनगर के सर्राफ को फोन कर गोरखनाथ मंदिर को बस से उड़ाने की धमकी दी गई। अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर पुलिस ने छानबीन की लेकिन धमकी देने वाला नहीं मिला।

2007 में हुए थे सीरियल ब्लास्ट

शहर में बम फोडऩे की धमकियां कई बार मिल चुकी हैं। हर बार पुलिस ऐसे मामलों को नजरअंदाज करती रहती है लेकिन वर्ष 2007 में सीरियल ब्लास्ट से पूरा शहर थर्रा गया था। बताया जाता है कि इसके पूर्व आतंकियों ने बम विस्फोट की धमकी दी थी तब पुलिस ने धमकी को नजरअंदाज कर दिया। उसका नतीजा यह हुआ कि गोलघर सहित तीन जगहों पर साइकिल में टिफिन टांगकर आतंकियों ने विस्फोट करा दिया।

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