देश के कई हिस्सों में हीट वेव से राहत मिलने की है उम्मीद, इन राज्यों में बारिश की संभावना…

 बीते दिनों कुछ देर की राहत के बाद उत्तरी मैदानी इलाकों के कई हिस्सों में भीषण गर्मी है। दिल्ली एनसीआर के दक्षिण हरियाणा दक्षिण पश्चिम उत्तर प्रदेश और उत्तर पश्चिमी राजस्थान के कुछ हिस्सों में लू चल रही है। अधिकतम तापमान सामान्य से काफी ऊपर है।

प्री-मानसून बारिश की गतिविधियों के कारण मई के पहले दस दिनों के दौरान गर्मी की लहर थम गई है। इसके अलावा, मई के पहले 10 से 12 दिनों के दौरान भारत के गंगा के मैदानी इलाकों में आर्द्र पूर्वी हवाएं जारी रहीं। किसी भी हवा ने पूर्व से पश्चिम की ओर दिशा नहीं बदली है जिससे तापमान में वृद्धि हुई है। ये शुष्क और गर्म हवाएं कम से कम अगले एक सप्ताह तक जारी रहने की उम्मीद है।

15 मई को पश्चिमी विक्षोभ पहुंचेगा हिमालय

हालांकि एक ताजा पश्चिमी विक्षोभ 15 मई तक पश्चिमी हिमालय के पास पहुंच जाएगा। जो मध्य पाकिस्तान और पंजाब और हरियाणा के आसपास के हिस्सों पर चक्रवाती परिसंचरण को प्रेरित करेगा। ये मौसम प्रणालियां 16 और 17 मई को पंजाब, हरियाणा दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में धूल भरी आंधी या गरज के साथ छींटे दे सकती हैं। तापमान में 2-3 डिग्री की गिरावट आ सकती है जिससे लू में कमी आ सकती है। लेकिन यह राहत अल्पकालिक होगी और तापमान एक बार फिर उत्तर की ओर बढ़ेगा।

आगामी समय में उत्तरी राज्यों में खास राहत के आसार नहीं

निकट समय में देश के उत्तरी राज्यों के लिए कोई खास राहत नहीं मिलने वाली है। दिल्ली एनसीआर, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ हिस्सों में अधिकतम तापमान 45 से 47 डिग्री तक पहुंच सकता है। उत्तर पश्चिमी राजस्थान का तापमान 48 और 49 डिग्री तक पहुंच सकता है। इस वर्ष मार्च, अप्रैल और मई के दौरान प्री-मानसून गतिविधियां लगभग ना के बराबर हैं। केरल में मानसून की शुरुआत के बाद, उत्तर भारत में जून के महीने में प्री-मानसून गतिविधियों में तेजी आ सकती है। तब तक चिलचिलाती गर्मी उत्तर भारत का जनजीवन बेहाल कर देगी।

देशभर में यह बना हुआ है मौसमी सिस्टम

मौसम विभाग के मुताबिक इस समय एक चक्रवाती हवाओं का क्षेत्र आंध्र प्रदेश के तटीय भागों और पश्चिम मध्य बंगाल की खाड़ी के आसपास के हिस्सों पर बना हुआ है। एक पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी अफगानिस्तान और उससे सटे उत्तरी पाकिस्तान पर बना हुआ है। एक टर्फ रेखा उत्तराखंड से उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल तक उत्तर प्रदेश और बिहार की तलहटी से होती हुई गुजर रही है। एक अन्य टर्फ रेखा उत्तर प्रदेश के मध्य भाग से मध्य प्रदेश और तेलंगाना होते हुए रायलसीमा तक फैली हुई है।

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