अगर आप इलेक्ट्रिक कारों के इंश्योरेंस खरीदते हैं तो इन बातों का रखें खास ध्यान…

भारत में तेजी से इलेक्ट्रिक कारों की डिमांड बढ़ रही है। ये कारें न सिर्फ किफायती होती हैं, बल्कि पर्यावरण पर इसका नुकसान भी न के बराबर होता है। लेकिन, इलेक्ट्रिक कारें कीमत के मामलें में बाकी गाड़ियों से महंगी होती है। इस कारण ज्यादातर लोग कार इंश्योरेंस की ओर रुख कर रहे हैं, पर इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए इंश्योरेंस लेते समय कुछ जरूरी बातों को ध्यान में रखना जरूरी है, वरना आपको नुकसान उठाना पड़ सकता है। आइए, इन टिप्स को जानते हैं। 

फुल कवरेज का रखें ध्यान

इलेक्ट्रिक वाहनों की इंश्योरेंस लेने से पहले यह तय किया जाना बेहद जरूरी है कि आपकी गाड़ी की असल कीमत क्या है, क्योंकि इसी के आधार पर आपकी बीमा कवरेज तय करनी चाहिए। साथ ही आपको बीमा खरीदने से पहले यह देखने की भी जरूरत है कि आपूर्ति की गई बीमा आपकी गाड़ी के लिए उचित है या नहीं। सही कवरेज वाली बीमा के साथ घटना के दौरान दावे का भुगतान करने का आपका हिस्सा न्यूनतम हो जाता है।

कार के स्पेशल फीचर्स को न करें नजर अंदाज

सामान्य गाड़ी की तुलना में इलेक्ट्रिक गाड़ियों में कई तकनीकी फीचर्स जैसे कि बैटरी पैक, पावर सप्लाई यूनिट, इलेक्ट्रिक और मैकेनिकल सिस्टम दिए जाते हैं। जिनके खराब होने की आशंकाएं बनी रहती है। नतीजतन, ई-वाहन के लिए बीमा पॉलिसी खरीदने से पहले, इन विशेष कठिनाइयों पर विचार जरूर करें। साथ ही नुकसान को कवर करने के लिए उचित वारंटी वाले पार्ट्स का इस्तेमाल करें।

जीरो डेप्रिसिएशन वाले बीमा का करे चयन

ज्यादातर बीमा कंपनियां दावे के दौरान कार के डेप्रिसिएशन यानी कि कार की खरीद से लेकर इस्तेमाल किए गए समय तक में हुई कीमत कटौती, का अनुमान लगाती है, जिसे बाद दावे की राशि से इस राशि को घटा दिया जाता है। इससे आपको क्लेम की गई राशि से कम राशि दी जाती है। ऐसे स्थिति में जीरो डेप्रिसिएशन ऐड-ऑन कवर आपकी मदद करेगा। इस कवरेज में आपको डेप्रिसिएशन राशि की कटौती के बिना क्लेम की पूरी कवरेज मिलती है।

इलेक्ट्रिक पार्ट्स के लिए अगल से लें कवरेज

इलेक्ट्रिक वाहनों में लेटेस्ट तकनीकों का काफी उपयोग होता है, जिसकी वजह से बैटरी की लागत और स्पेशल पार्ट्स की संख्या काफी अधिक होती हैं। इंजन प्रोटेक्टर जैसे ऐड-ऑन कवरेज, फुल कार बीमा में अलग और इलेक्ट्रिक कार बीमा में अलग तरीके से काम करता है। इसलिए आपको इस तरह के वाहनों में अलग से ऐड-ऑन कवर लगाने की जरूरत है। ये ऐड-ऑन बैटरी लीकेज और बैटरी चार्जर से होने वाले नुकसान को कवर करता है।

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