केरल सरकार ने ‘सांप्रदायिक भाषण पर रोक’ लगाने वाले नोटिस को बताया गलत, SHO को किया बर्खास्त

कोच्ची: केरल सरकार ने ‘सांप्रदायिक भाषण पर रोक’ लगाने वाले नोटिस को अनुचित ठहराते हुए कन्नूर के मय्यिल पुलिस स्टेशन के SHO बीजू प्रकाश को उनके पद से हटा दिया है। पिनराई विजयन सरकार ने बुधवार (15 जून 2022) को बताया है  कि उसे नहीं लगता कि सूबे की मस्जिदों में कोई सांप्रदायिक दुष्प्रचार हो रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कन्नूर जिले की जामा मस्जिद को पुलिस द्वारा जारी किए गए नोटिस को अनुचित कहा है, जिसमें मस्जिद को जुमे की नमाज के दौरान ‘सांप्रदायिक रूप से विभाजनकारी’ भाषण देने से बचने को कहा गया था।

मुख्यमंत्री कार्यालय (CMO) की ओर से जारी किए गए एक बयान में कहा गया है कि इस तरह का नोटिस पूरी तरह से अनुचित और लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (LDF) सरकार की नीतियों के विरुद्ध है। CMO ने कहा कि मय्यिल थाने के प्रभारी ने सरकारी नीति को समझे बगैर गलत नोटिस जारी किया, इसलिए DGP (पुलिस महानिदेशक) ने उन्हें पद से हटा दिया है। दरअसल, बीजू प्रकाश ने पैगंबर मुहम्मद पर कथित विवादित टिप्पणी को लेकर भाजपा की निलंबित प्रवक्ता नूपुर शर्मा के खिलाफ देश के विभिन्न हिस्सों में कट्टरपंथियों द्वारा हाल ही में हुए हिंसक विरोध-प्रदर्शनों और उसके बाद भड़के दंगों को देखते हुए यह नोटिस जारी किया था। 

SHO बीजू प्रकाश ने इलाके की जामा मस्जिद कमेटी को नोटिस भेजते हुए जुमे की नमाज के दौरान भड़काऊ भाषण देने से परहेज करने के लिए कहा था। उन्होंने मस्जिद कमेटी से कहा था कि मस्जिद में जुमे की नमाज़ का इस्तेमाल सांप्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने और नफरत फ़ैलाने के लिए नहीं होना चाहिए। नोटिस में यह भी कहा गया था कि इस एडवाइजरी का उल्लंघन करने और अभद्र भाषा का इस्तेमाल करने वालों पर उचित कार्रवाई की जाएगी। हालाँकि, मस्जिद को नोटिस मिलने के फ़ौरन बाद SHO के विरुद्ध आक्रोश फैल गया। मुस्लिम लीग और SDPI जैसी पार्टियों समेत मुस्लिम समुदाय ने इस सर्कुलर का विरोध किया। मुस्लिम लीग कन्नूर के जिला महासचिव अब्दुल करीम चेलेरी ने सीएम विजयन से इस मुद्दे पर सरकार का रुख स्पष्ट करने के लिए कहा। इतना ही नहीं मुस्लिम नेताओं ने कन्नूर शहर के पुलिस कमिश्नर के पास पुलिस अधिकारी के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कराई।

नोटिस का विरोध किए जाने के बाद इसे वापस ले लिया गया और SHO को उनके पद से हटा दिया गया। सरकारी कार्रवाई के बाद अधिकारी ने कहा कि यह मस्जिद कमेटी के लिए सिर्फ एक सलाह थी। सर्कुलर को वापस लेते हुए पुलिस आयुक्त ने SHO बीजू प्रकाश से स्पष्टीकरण भी माँगा। बता दें कि केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी (KPCC) के उपाध्यक्ष वीटी बलराम ने हाल ही में एक मंदिर में वरिष्ठ नेता पीसी जॉर्ज के कथित नफरती भाषण का उल्लेख करते हुए सवाल पूछा था कि क्या लेफ्ट सरकार नफरत फैलने वालों पर लगाम लगाने के लिए मंदिर समितियों को भी नोटिस जारी करेगी? बता दें कि CMO ने नोटिस के बारे में सरकार के खिलाफ दुष्प्रचार किए जाने का दावा करते हुए अपने बयान में कहा है कि ऐसे वक़्त में जब स्वार्थी लोग राज्य में सांप्रदायिक तनाव पैदा करने का प्रयास कर रहे है, विभिन्न धर्मों, धार्मिक संस्थानों और आम जनता के बीच मित्रता और शांति को बनाए रखना बेहद अहम है।

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