मोदी सरकार ने पिछले 8 साल में सेना में किए ये पांच बड़े बदलाव, जानिए….
सेना में नई भर्ती योजना ‘अग्निपथ’ का देश के कई राज्यों में विरोध हो रहा है. केंद्र सरकार की इस योजना का विरोध करने के लिए युवा सड़कों पर उतर आए हैं. वे रेल और अन्य सरकारी संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं. विरोध-प्रदर्शन के बीच सरकार की इस नई योजना को सेना में बड़े बदलाव के तौर पर माना जा रहा है, लेकिन ये कोई पहली स्कीम नहीं है जिसे मोदी सरकार सेना के लिए लाई है.
नरेंद्र मोदी को केंद्र की सत्ता में रहते हुए 8 साल हो गए हैं और इस दौरान उनकी सरकार ने सेना में बदलाव को लेकर कई कदम उठाए हैं. मोदी सरकार ने पिछले 8 साल में सेना में 5 बड़े बदलाव किए हैं. ये वो बदलाव हैं जिन्हें सेना की मरम्मत के तौर पर देखा जा रहा है.
वन रैंक वन पेंशन- सत्ता में आते ही मोदी सरकार ने सेना में जो सबसे पहला बदलाव किया वो वन रैंक वन पेंशन का था. 7 नवंबर 2015 को वन रैंक वन पेंशन का नोटिफिकेशन जारी हुआ. सरकार की ये योजना अलग-अलग समय पर रिटायर हुए एक रैंक के फौजियों की पेंशन समान के लिए लाया गया. वन रैंक वन पेंशन को 1 जुलाई 2014 से लागू किया. सरकार की इस योजना से 20 लाख से ज्यादा पूर्व सैनिकों को लाभ मिला.
2- सीडीएस की नियुक्ति– मोदी सरकार ने अपने दूसरे कार्यकाल में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) को नियुक्त किया. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2019 में स्वतंत्रता दिवस के संबोधन के दौरान कहा था, “हमारी सेनाएं भारत का गौरव हैं. तीनों सेनाओं के बीच समन्वय को और तेज करने के लिए मैं लाल किले से एक बड़े फैसले की घोषणा करना चाहता हूं. भारत में एक चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ होगा.
इसके बाद 24 दिसंबर 2019 को इस पद का गठन हुआ. जनरल बिपिन रावत को देश का पहला सीडीएस नियुक्त किया गया. उनकी पिछले साल दिसंबर में विमान हादसे में मौत हो गई थी.
3- स्वदेशी को बढ़ावा- मोदी सरकार ने 9 अगस्त 2020 को सैन्य सामानों में 100 से ज्यादा प्रोडक्ट के विदेश से खरीदने पर रोक लगाई. आत्मनिर्भर भारत के तहत स्वदेशी सामानों को बढ़ावा देने कि लिए ऐसा किया गया.
4- नए थियटर कमांड बनाने की तैयारी- 15 अगस्त 2022 को देश में पहला इंटीग्रेटेड थिएटर कमांड शुरू होनी की संभावना है. सरकार तीनों सेनाओं को एक छत के नीचे लाकर बेहतर तालमेल के लिए नए थिएटर कमांड बना रही है.
5- अग्निपथ योजना- सेना के लिए सरकार की ये नई स्कीम है. इस योजना के तहत सेना में 4 साल के लिए अग्निवीरों की भर्ती होगी. हालांकि प्रदर्शन के आधार पर 25 फीसदी रिटेन किए जा सकेंगे. यानी उनकी नौकरी 4 साल के बाद भी सेना में जारी रहेगी. सेना में इस बड़े बदलाव के तौर पर देखा जा रहा है.
14 जून को सरकार ने मौजूदा प्रक्रिया को खत्म करते हुए चार साल के लिए सशस्त्र बलों में सैनिकों की भर्ती के लिए अग्निपथ योजना की घोषणा की. अग्निवीरों के लिए आयु सीमा 17.5 से 21 वर्ष निर्धारित की गई. इसके कारण कई राज्यों में बड़े पैमाने पर विरोध और हिंसा हुई. बाद में रक्षा मंत्रालय ने पहली भर्ती के लिए उम्र में छूट की घोषणा की. सरकार ने पहली बार की भर्ती के लिए अधिकतम आयु 23 साल रखी.