रिजर्व बैंक ने 8 राज्य सहकारी बैंकों के साथ 1 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी पर भी जुर्माना लगाया
जुर्माना लगाया
प्रकरण के बाद RBI बैंकों और NBFC के कामकाज पर सख्त नजर रख रहा है। सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंक ने 8 राज्य सहकारी बैंकों के साथ-साथ 1 गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनी पर भी जुर्माना लगाया है।
पंजाब व महाराष्ट्र सहकारी बैंक प्रकरण के बाद से केंद्रीय बैंक ने देश के सहकारी बैंकिंग व्यवस्था को दुरुस्त करने का जो काम शुरू किया था वह अभी तक जारी है। सोमवार को भारतीय रिजर्व बैंंक ने एक साथ 8 राज्य सहकारी बैंकों और एक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनी पर जुर्माना ठोक कर पूरे बैंकिंग सिस्टम को एक तरह से चेतावनी दे दी है। इसके पहले एक महीने का रिकार्ड देखा जाए तो इस दौरान 30 से ज्यादा सहकारी बैंकों पर अर्थदंड लगाया गया है जबकि एक दर्जन से ज्यादा सहकारी बैंकों पर बैंकिंग नियमन कानून, 1956 की धारा 35ए के तहत कार्रवाई की गई है। इस धारा के तहत बैंकों के सामान्य काम-काज (कर्ज देना या जमा स्वीकार आदि) की भी निगरानी शुरू कर दी जाती है और ग्राहकों की जमा राशि निकालने को लेकर भी एक प्रतिबंध लागूपीएमसी प्रकरण के बाद आरबीआइ को शहरी सहकारी बैंकों के नियमन की पूरी जिम्मेदारी दे दी गई है। ऐसे में वह इन बैंकों को लेकर ज्यादा सक्रियता दिखा रहा है। जिन बैंकों पर अर्थदंड लगाया जा रहा है उसका कारण यह बताया जा रहा है कि उन्होंने तय नियमों का पालन नहीं किया है। आरबीआइ की इस सख्ती की धमक गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) में साफ तौर पर देखी जा रही है। जुलाई माह में जहां 4 एनबीएफसी ने स्वयं ही अपने लाइसेंस केंद्रीय बैंक को सौंप दिया है। इसके बाद 08 अगस्त, 2022 को आरबीआइ ने 2 एनबीएफसी (एलार्मिंग फिनवेस्ट लिमिटेड और आचल फाइनेंस लिमिटेड) के लाइसेंस रद्द कर दिया। मई, 2022 में एक साथ आरबीआइ ने 22 एनबीएफसी के लाइसेंस रद्द किया था।