अधर में लटकी यह महत्वाकांक्षी योजना, PayPal के बाहर होने से…
लिब्रा नाम से डिजिटल करेंसी लांच करने की फेसबुक की महत्वाकांक्षी योजना में दरार पड़नी शुरू हो गई है। अमेरिका की दिग्गज पेमेंट प्रोसेसिंग कंपनी पेपाल ने लिब्रा एसोसिएशन से बाहर निकलने की घोषणा कर दी है। अधिसंख्य दिग्गज अमेरिकी कंपनियों की भागीदारी वाले 29-सदस्यीय लिब्रा एसोसिएशन पर ही फेसबुक की इस डिजिटल करेंसी लांच करने का दारोमदार है। पेपाल इससे बाहर निकलने वाली पहली कंपनी बन गई है और उसके निकलने के बाद एसोसिएशन में अब 28 सदस्य रह गए हैं।
एक बयान में पेपाल ने कहा कि वह अपने कोर बिजनेस पर फोकस करेगी और लिब्रा के साथ किसी तरह की भागीदारी नहीं रखेगी। हालांकि कंपनी ने कहा कि वह लिब्रा की महत्वाकांक्षाओं को लेकर सकारात्मक रुख रखती है और भविष्य में उसके साथ काम करने के तरीकों को लेकर बातचीत के प्रति आशान्वित है। इससे पहले लिब्रा एसोसिएशन के वीसा और मास्टरकार्ड जैसे दिग्गज सदस्यों ने भी संकेत दिए थे कि वे लिब्रा के प्रति अपने जुड़ाव पर पुनर्विचार कर रहे हैं।
इसकी मुख्य वजह यह है कि दुनियाभर के वित्तीय नियामकों ने लिब्रा जैसी किसी डिजिटल करेंसी से पूरी बैंकिंग व्यवस्था पर नकारात्मक असर की बात की है। कई नियामकों ने लिब्रा जैसी डिजिटल करेंसी की आलोचना की है। ऐसे में कंपनियां नहीं चाहतीं कि दुनियाभर में उनके अपने कारोबार पर कोई असर पड़े।
इसके जवाब में जेनेवा स्थित लिब्रा एसोसिएशन ने कहा कि इस डिजिटल करेंसी के माध्यम से दुनियाभर के वित्तीय तंत्र को नए सिरे से परिभाषित करने की कोशिशों की राह में इस तरह की चुनौतियों से अवगत है। एसोसिएशन का कहना था कि वित्तीय तंत्र में जिस तरह के बदलाव पर वह काम कर रहा है वह लोगों के प्रति जवाबदेह होगा, उनके लिए काम कर रही संस्थाओं के प्रति नहीं।
ऐसे में उसकी राह की चुनौतियां भी कठिन होंगी। इस मिशन में प्रतिबद्धता की जरूरत किसी भी अन्य चीज से ज्यादा है। प्रतिबद्धता में किसी भी तरह की कमी की जानकारी हमें बाद के चरणों में मिले, इससे बेहतर है कि इसी वक्त मिल जाए। एसोसिएशन ने एक ट्वीट के माध्यम से यह भी कहा कि वह लिब्रा काउंसिल की पहली बैठक अगले 10 दिनों में ही करने वाली है। दूसरी तरफ, फेसबुक इंक ने इस पर टिप्पणी से इन्कार कर दिया है।
जून में हुई थी घोषणा
फेसबुक ने इस वर्ष 18 जून को बिटक्वाइन जैसी एक नई डिजिटल करेंसी पेश करने की अपनी योजना की घोषणा की। फेसबुक और करीब दो दर्जन साझेदार कंपनियों ने नई करेंसी ‘लिब्रा’ का प्रोटोटाइप पेश किया। जेनेवा में स्थित लिब्रा नाम का एक गैर-लाभकारी संगठन ब्लॉकचेन आधारित नई करेंसी की निगरानी करेगा। यही संगठन नई करेंसी के मूल्य के आधार पर दुनिया में चलने वाली वास्तविक मुद्राओं का भंडार रखेगा, ताकि लिब्रा के मूल्य में एक निश्चितता बनी रहे। पूर्व निर्धारित योजना के तहत इस करेंसी को अगले वर्ष जून में लांच किया जाना है। हालांकि मौजूदा घटनाक्रमों को देखते हुए इसमें देर हो सकती है।