डायबिटीज को कंट्रोल में रखने के लिए करे इन पतियों का सेवन
विशेषज्ञों की मानें तो व्यक्ति अपनी डाइट में जो भी कार्बोहाइड्रेट्स लेता है। उनमें ग्लूकोज़ की अधिकता होती है और जब यह ग्लूकोज टूटता है तो इंसुलिन हार्मोन ग्लूकोज का इस्तेमाल ऊर्जा उत्पादन के लिए करता है।
डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है, जो एक बार हो जाने के बाद ज़िंदगीभर साथ रहती है। यह बीमारी रक्त में शर्करा स्तर बढ़ने और अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन न निकलने के चलते होती है। खासकर, टाइप 2 डायबिटीज में अग्नाशय से इंसुलिन हार्मोन निकलना पूरी तरह बंद हो जाता है। विशेषज्ञों की मानें तो व्यक्ति अपनी डाइट में जो भी कार्बोहाइड्रेट्स लेता है। उनमें ग्लूकोज़ की अधिकता होती है और जब यह ग्लूकोज टूटता है, तो इंसुलिन हार्मोन ग्लूकोज का इस्तेमाल ऊर्जा उत्पादन के लिए करता है। इसके लिए डायबिटीज के मरीजों को मीठे चीजों से परहेज करना चाहिए। वहीं, रोजाना संतुलित आहार लेने और एक्सरसाइज करने से शुगर कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा, डायबिटीज के मरीज शुगर कंट्रोल करने के लिए अमलतास का सेवन भी कर सकते हैं। आइए, इसके बारे में सबकुछ जानते हैं-
क्या कहती है शोध
कई शोधों के जरिए खुलासा हुआ है कि डायबिटीज के मरीज के लिए अमलतास किसी वरदान से कम नहीं है। इसमें एंटी डायबिटीज के गुण पाए जाते हैं, जो शुगर कंट्रोल करने में सहायक होते हैं। अंग्रेजी में अमलतास को गोल्डन शॉवर ट्री कहा जाता है। ऐसा कहा जाता है कि गोल्डन शॉवर ट्री में फूल खिलने के बाद बारिश जरूर होती है। यह पेड़ देश के सभी हिस्सों में पाया जाता है
आजकल गोल्डन शॉवर ट्री को घर पर भी शोभा बढ़ाने के लिए लगाया जाता है। अमलतास के फल, पत्ते और फूल सभी सेहत के लिए लाभकारी होते हैं। पर छपी एक शोध में अमलतास के बारे में विस्तार से बताया गया है। इस शोध की मानें तो अमलतास की पत्तियों के रस के सेवन से शुगर कंट्रोल में रहता है। इसके अलावा, अमलतास के फूल के सेवन से कब्ज में आराम मिलता है।
कैसे करें सेवन
जानकारों की मानें तो अमलतास के पत्तों को पीसकर रस तैयार कर लें। अब एक चौथाई कप रस का सेवन रोजाना करें। इससे शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है। आप चाहे तो अमलतास की पत्तियों की चाय बनाकर भी सेवन कर सकते हैं। हालांकि, सेवन करने से पहले एक बार डॉक्टर से अवश्य सलाह लें।
डिस्क्लेमर: स्टोरी के टिप्स और सुझाव सामान्य जानकारी के लिए हैं। इन्हें किसी डॉक्टर या मेडिकल प्रोफेशनल की सलाह के तौर पर नहीं लें। बीमारी या संक्रमण के लक्षणों की स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।