भारत के रूस में सैन्याभ्यास से क्या अमेरिका परेशान है? उसके बयान से तो यही संकेत मिला
भारत के रूस में सैन्याभ्यास से क्या अमेरिका परेशान है? उसके बयान से तो यही संकेत मिलता है। अमेरिका का कहना है कि किसी भी देश का रूस के साथ सैन्याभ्यास करना चिंताजनक है। लेकिन भारत का नाम नहीं लिया।
भारत के रूस में सैन्याभ्यास से क्या अमेरिका परेशान है? उसके बयान से तो यही संकेत मिलता है। अमेरिका का कहना है कि किसी भी देश का रूस के साथ सैन्याभ्यास करना चिंताजनक है। वाइट हाउस ने कहा है कि यूक्रेन के साथ अकारण एवं बर्बर युद्ध छेड़ने वाले रूस के साथ किसी भी अन्य देश का अभ्यास करना उसके लिए चिंताजनक है। बता दें कि सितंबर के पहले सप्ताह में भारत और चीन की सेनाएं रूस में होने वाले अभ्यास में हिस्सा लेने वाली हैं। वाइट हाउस ने रूस में एक से सात सितंबर के बीच होने वाले कई देशों के सैन्य अभ्यास ‘वोस्तोक 2022’ के बारे में पूछे गए प्रश्न के उत्तर में यह बात कही। यूक्रेन के खिलाफ युद्ध छेड़ने के बाद से रूस में होने जा रहा यह पहला बड़े स्तर का अभ्यास है।
वाइट हाउस की प्रेस सचिव जीन पियरे ने कहा, ‘किसी भी देश का रूस के साथ अभ्यास करना अमेरिका के लिए चिंताजनक है, क्योंकि रूस ने यूक्रेन के खिलाफ अकारण युद्ध छेड़ा है। लेकिन भाग लेने वाले प्रत्येक देश को खुद निर्णय लेना है और मैं यह फैसला उन पर छोड़ती हूं।’ जब पियरे से यह पूछा गया कि क्यों ‘भारत पर कोई दबाव नहीं है’ तो उन्होंने कहा कि इस बारे में मेरा कहना यही है कि रूस ने बेवजह युद्ध छेड़ा हुआ है। इसलिए किसी भी देश का उसके साथ अभ्यास करना चिंताजनक है।’पत्रकार ने प्रेस सचिव से प्रश्न किया कि क्या अमेरिका ने इस संबंध में कोई कार्रवाई की या वह किसी प्रकार की योजना बना रहा है, उन्होंने कहा ‘मेरे पास इस बारे में बताने लायक कुछ नहीं है।’
बता दें कि अमेरिका ने भले ही यूक्रेन युद्ध के दौरान भारत से कई बार अपने समर्थन की अपील की थी, लेकिन खुलकर कुछ भी नहीं कहा था। संयुक्त राष्ट्र में रूस के खिलाफ पारित कई प्रस्तावों से भारत गैर-हाजिर रहा था और उसे लेकर अमेरिका का कहना था कि भारत के रूस से पुराने संबंध हैं। अमेरिका ने कहा था कि हम तब मजबूत नहीं थे और उसके चलते ही भारत के रूस के साथ रिश्ते मजबूत हुए थे। अमेरिका ने कहा था कि समय के साथ ही भारत रूस से अलग होगा और हमें उसके लिए इंतजार करना होगा।