कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में भारी बारिश से हाल बेहाल
CM के अनुसार, राजधानी के कुछ हिस्सों में 1 और 5 सितंबर के बीच सामान्य से 150 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। वह बुधवार सुबह ईको स्पेस के पास आउटर रिंग रोड में बारिश से प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे।
कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु भारी बारिश का सामना कर रही है। हालांकि, शहर को फिलहाल इससे राहत के आसार नहीं हैं। मौसम विभाग ने 9 सितंबर तक बेंगलुरु और कर्नाटक के कुछ हिस्सों में भारी बारिश की संभावनाएं जताई हैं। खराब मौसम के चलते कुछ स्कूलों को बंद करने का फैसला लिया गया है। बुधवार सुबह कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने भी कई इलाकों का जायजा लिया।
ट्रैक्टर पर चल रहे हैं लोग
लगातार हो रही बारिश के चलते सड़कों पर पानी भर गया है। शहर के पॉश इलाकों में घर, गाड़ियां और कॉम्प्लैक्स कई फीट तक डूबे हुए हैं। साथ ही कई हिस्सों को बिजली कटौती, ट्रैफिक जाम जैसी परेशानियों का सामना भी करना पड़ा। पानी में फंसे शहरवासियों को निकालने के लिए नाव और ट्रैक्टर का सहारा लेना पड़ा।
सीएम बोम्मई के अनुसार, राजधानी के कुछ हिस्सों में 1 और 5 सितंबर के बीच सामान्य से 150 फीसदी ज्यादा बारिश हुई है। वह बुधवार सुबह ईको स्पेस के पास आउटर रिंग रोड में बारिश से प्रभावित इलाकों का दौरा करने पहुंचे। इस दौरान उनके साथ मंत्री सीएन अश्वतनारायण और स्थानीय विधायक आर अशोक भी मौजूद रहे।
खबर है कि मंत्री अश्वतनारायण IT कॉरिडोर में जलजमाव को लेकर बुधवार शाम बैठक करने जा रहे हैं। इससे पहले सीएम बोम्मई शहर के हाल के आरोप कांग्रेस की पिछली सरकार पर लगा चुके हैं। आंकड़े बताते हैं कि 50 सालों में बेंगलुरु इस बार सबसे ज्यादा भीगा है। करीब 162 झीलें पूरी तरह भर चुकी हैं।
भाषा के अनुसार, मंगलवार को बोम्मई ने बताया कि महादेवपुरा, बोम्मनहल्ली और के. आर. पुरम में 307 प्रतिशत ज्यादा वर्षा हुई। उन्होंने कहा, ‘पिछले 42 साल में हुई यह सबसे ज्यादा बारिश थी। बेंगलुरु के सभी 164 तालाब लबालब भरे हैं।’ कई निजी स्कूलों ने अवकाश घोषित कर दिया है और कुछ दिनों के लिए ऑनलाइन कक्षाएं संचालित होंगी, जबकि बहुत से कार्यालयों ने कर्मियों को घर से काम करने की अनुमति दी है।
आसमान छू रहा होटल का किराया
खबरें हैं कि बेंगलुरु के टेक कॉरिडोर में पानी भर जाने से होटल किराया काफी बढ़ गया था। दरअसल, भारी बारिश के चलते घर से दूर हुए परिवार होटलों में कमरे हासिल करने के लिए परेशान होते नजर आए। सामान्य रूप से 10-20 हजार रुपये में मिलने वाले कमरे औसतन 30-40 हजार रुपये पर पहुंच गए थे।