यूपी में 2024 के लोकसभा चुनाव को लेकर बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सियासी जंग तेज
यूपी में बीजेपी और समाजवादी पार्टी के बीच सियासी जंग तेज हो गई है। 2024 में होने वाले लोकसभा चुनाव की तैयारी में जुटे नेता एक-दूसरे पर जमकर हमला बोल रहे हैं। इसी क्रम में सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने जहां वादाखिलाफी को भाजपा का वास्तविक चरित्र बताया तो वहीं डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने सपा को भ्रष्टाचार की पोषक पार्टी।
अखिलेश यादव ने कहा कि वादाखिलाफी भाजपा का वास्तविक चरित्र है। जनता को धोखे में रखने के लिए नए-नए वादों और जुमलों की हेराफेरी में उसे महारत है। पवित्र मां गंगा और यमुना नदी से भी भाजपा धोखा करती है। सन् 2027 से पहले जनता भाजपा को वर्ष 2024 में ही निपटा देगी। अखिलेश ने कहा कि भाजपा सरकार ने सबसे बड़ा छल तो नौजवानों के साथ किया। दो करोड़ नौकरी देने का वादा किया पर एक लाख को भी नौकरी नहीं दी। उद्योगधंधे फाइलों में चल रहे है।
वहीं एक ट्वीट में उन्होंने कहा कि भाजपा कह रही है कि वह भ्रष्टाचार के खिलाफ अभियान छेड़ेगी। तब तो उनका घर खाली हो जाएगा। फिर सरकारों को गिराने बनाने का पैसा कहां से आएगा। कठपुतलियों को सोने के तार से कैसा खींचा जाएगा। भ..से भाजपा भ से भ्रष्टाचार।
वहीं उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने भ्रष्टाचार को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को घेरा। डिप्टी सीएम ने कहा कि सपा सरकार भ्रष्टाचार की पोषक रही है। उन्होंने कहा कि सपा शासनकाल में भ्रष्टाचार और माफिया सबसे ज्यादा पले-बढ़े। भ्रष्टाचार से आजिज आकर जनता ने सपा को हराया है।
भाजपा सरकार सपा के भ्रष्टाचार पर बुल्डोजर चला रही है। इससे अखिलेश यादव को दर्द हो रहा है। भ्रष्टाचार की जब भी बात होती है तो सपा का चेहरा सबके सामने होता है। डिप्टी सीएम ने कहा कि सीएजी की रिपोर्ट में भी खुलासा हुआ था कि अखिलेश सरकार में 97 हजार करोड़ रुपये का बंदरबांट किया गया था। सरकार इस राशि का यूटिलाइजेशन सर्टिफिकेट नहीं दे पाई थी। नोएडा का सुपरटेक ट्विन टावर घोटाले पर भाजपा सरकार ने बुल्डोजर चलवाया। इससे सपा में खलबली मच गई है।