केदारनाथ में हुई साल की पहली बर्फबारी के साथ साथ निचले हिस्सों में बूंदाबांदी का क्रम शुरू..
समूचा उत्तराखंड इन दिनों कड़ाके की ठंड की चपेट में है। पहाड़ी इलाकों में बर्फबारी के साथ गलन बढ़ रही है। गंगोत्री यमुनोत्री और हर्षिल घाटी में रात के समय हल्की बर्फबारी हुई है। वर्तमान में वहां हल्के बादल छाए हुए हैं।
उत्तराखंड में मौसम ने करवट बदल ली है। केदारनाथ में हुई साल की पहली बर्फबारी के साथ साथ निचले हिस्सों में बूंदाबांदी का क्रम शुरू हो गया है। जिससे समूचा प्रदेश कड़ाके की ठंड की चपेट में है। ज्यादातर क्षेत्रों में तापमान में चार से आठ डिग्री सेल्सियस तक की गिरावट दर्ज की गई है। मौसम विभाग के अनुसार, आज भी प्रदेशमें बादल छाये रह सकते हैं। पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा-बर्फबारी हो सकती है। मैदानों में सर्द हवाएं चलने से कंपकंपी बढ़ने की आशंका है।
जनवरी के प्रथम सप्ताह में शुष्क रहने के बाद अब मौसम का मिजाज बदल गया है। प्रदेशभर में बुधवार को दिनभर धूप के दर्शन नहीं हुए। ज्यादातर क्षेत्रों में बादलों के बीच सर्द हवाओं ने दुश्वारियां बढ़ा दीं। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों में वर्षा-बर्फबारी से पारे ने गोता लगाया और कड़ाके की ठंड महसूस की जा रही है। चारधाम समेत अन्य ऊंची चोटियों पर मध्यम हिमपात के एक से दो दौर हुए। निचले हिस्सों में हल्की वर्षा भी दर्ज की गई।
केदारनाथ समेत ऊंची चोटियों पर बर्फवारी होने से निचले इलाकों में शीतलहर का प्रकोप बढ़ गया है। वहीं जनपद के अन्य क्षेत्रों में बारिश की संभावना बनी हुई है। अधिक ठंड पड़ने से केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो की रफ्तार सुस्त हो गई है। बुधवार को सुबह से ही मौसम में आए बदलाव के चलते पूरे जनपद में शीतलहर का प्रकोप बना रहा। केदारनाथ में दोपहर बाद हल्की बर्फवारी शुरू हुई। जिससे तापमान माइनस 10 से नीचे आ गया है।
केदारनाथ में पुनर्निर्माण कार्यो में लगे मजदूरों को कडाके की ठंड का सामना करना पड़ रहा है। दोपहर बाद निर्माण कार्य बंद रहे। मजदूर अपने घरों के अंदर ही दुबके रहे। वहीं जनपद के तुंगनाथ, मदमहेश्वर, कालीशिला, पंवालीकांठा, चन्द्रशिला समेत कई ऊंची चोटियों पर देर रात्रि तक बर्फवारी की संभावना बनी हुई है। ऊंचाई वाले क्षेत्रों में ठंड से जन जीवन पूरी तक प्रभावित रहा। अधिकांश लोग अपने घरों के अंदर दुबके रहे।
वहीं निचले इलाकों में भी सूर्य देव के दर्शन न होने से ठंड का प्रकोप बना रहा। शहरों में लोगों की आवाजाही कम देखी गई। साथ ही ठंड से बचने के लिए कई स्थानों पर अलाव भी जलाए गए।
नई टिहरी में मौसम वैसे भी ठंडा रहता है यहां बादल छाने व हल्की बारिश होने पर सर्दी बढ़ जाती है। बीती मंगलवार को जहां नगरवासियों ने धूप का आनंद लिया वहीं बुधवार को सर्दी से जूझना पड़ा। सर्दी के चलते लोग भी घरों से कम ही बाहर निकले। यदि मौसम का मिजाज यही रहा तो नई टिहरी में सर्दी का प्रकोप बढ़ सकता है।