सीबीआई ने दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को किया गिरफ्तार
दिल्ली के कथित शराब घोटाले में उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया को सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टिगेशन (सीबीआई) ने गिरफ्तार कर लिया है। दिल्ली की एक अदालत ने सिसोदिया को पांच दिन के लिए सीबीआई रिमांड पर भेज दिया है। सिसोदिया से सीबीआई की पूछताछ के बीच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) भी सिसोदिया और आम आदमी पार्टी के दूसरे पदाधिकारियों के खिलाफ अपने केस को मजबूत करने में जुटा है।
सूत्रों का कहना है कि सिसोदिया की गिरफ्तारी का रास्ता ईडी उस जांच के बाद खुला जिसमें जांच एजेंसी ने 100 करोड़ रुपए की रिश्वत का मनी ट्रेल (पैसा कहां से कहां गया) पता लगाया। बताया जाता है कि दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी स्थित एक घर के बेसमेंट से दो सर्वर मिले थे। इसकी जांच से दिल्ली की आबकारी नीति में शराब कारोबारियों की भूमिका का पता चला।
टाइम्स ऑफ इंडिया की एक रिपोर्ट के मुताबिक, इन दो सर्वर से मिली जानकारी ने मनी ट्रेल का पता लगाने में सबसे अहम भूमिक निभाई। एजेंसी सूत्रों ने दावा किया है कि 100 करोड़ की रिश्वत में से कम से 30 करोड़ रुपए सीधे तौर पर ‘आप’ पदाधिकारियों को दिए गए। पिछले सप्ताह दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल के पीए से पूछताछ की गई। बिभव कुमार और हाल ही में डायलॉग एंड डिवेलपमेंट कमीशन ऑफ दिल्ली के प्रमुख पद से हटाए गए जैस्मीन शाह से पूछताछ ईडी की ओर से पता लगाए गए मनी ट्रेल के बाद ही हुई है।
रिपोर्ट में एक सूत्र के हवाले से कहा गया है, ‘हम पैसे का ओर छोर पता लगा रहे हैं।’ उन्होंने अरविंद केजरीवाल से पूछताछ की संभावना को खारिज नहीं किया है। एजेंसी ने पिछले महीने अपनी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में कहा था कि सिसोदिया के सचिव रहे नौकरशाह सी अरविंद ने घोटाले में केजरीवाल की भूमिका का आरोप लगाया है। ईडी ने एक आरोपी के हवाले से कहा, ‘विजय नायर ने इंडोस्प्रिट के मालिक समीर महेंद्रू से अरविंद केजरीवाल की बात कराई थी। फेसटाइम के जरिए हुई वीडियो कॉल में केजरीवाल ने समीर से कहा था कि विजय नायर उनका आदमी है और उस भरोसा कर सकते हैं।’
ईडी की चार्जशीट में आगे कहा गया है कि सी अरविंद को मनीष सिसोदिया ने अरविंद केजरीवाल के आवास पर बुलाया था जहां सत्येंद्र जैन भी मौजूद थे। होलसेल बिजनेस को निजी हाथों में देने और प्रॉफिट मार्जिन 12 फीसदी तय (6 फीसदी वापस लेने) करने में साजिश सी अरविंद के बयान से साफ होती है। सी अरविंद ने कहा कि मंत्री समूह की बैठक में इन दो बातों को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई थी। उन्होंने यह भी कहा कि पहली बार उन्होंने इन प्रस्तावों को जीओएम ड्राफ्ट रिपोर्ट में देखा था और उनको दिए गए दस्तावेज के आधार पर रिपोर्ट बनाने को कहा गया था।