अगर फैटी लिवर रोगी सुबह खाली पेट नियमित रूप से गन्ने का जूस पीते हैं, तो इससे उनकी समस्या जल्द होगी दूर-

गर्मियों के मौसम में हेल्दीऔर कूल रहने के लिए गन्ने से बेहतर कुछ भी नहीं हो सकता है। यह गर्मियों का सुपरफूड है, जो शरीर की गर्मी को मात देता है और इसके सेवन से सेहत को भी कई फायदे मिलते हैं। यह विटामिन ए, बी-कॉम्प्लेक्स और सी से भरपूर होता है। साथ इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स और फाइटोन्यूट्रिएंस भी होते हैं। इसके अलावा, गन्ने का जूस शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स के बैलेंस में भी मदद करता है, क्योंकि इसमें कैल्शियम, पोटेशियम, आयरन, फास्फोर और जिंक जैसे जरूरी मिनरल्स भी होते हैं। लिवर से जुड़ी समस्याएं होने पर भी गन्ने का जूस बहुत लाभकारी माना जाता है। यह लिवर की गर्मी को शांत और फंक्शन में सुधार करता है। फैटी लिवर रोगी अगर नियमित गन्ने के जूस का सेवन करे, तो इससे जल्द उनकी स्थित में सुधार करने में मदद मिल सकती है। साथ ही इससे काफी हद तक फैटी लिवर से छुटकारा भी पाया जा सकता है। फैटी लिवर में गन्ने का जूस कैसे लाभकारी है, साथ ही इसके सेवन का तरीका और सही समय जानने के लिए हमने क्लीनिकल न्यूट्रिशनिस्ट और डायटीशियन गरिमा गोयल से बात की। तो चलिए, इसके बारे में विस्तार से जानते हैं….

फैटी लिवर में कैसे लाभकारी है गन्ने का जूस-

डायटीशियन गरिमा के अनुसार, आयुर्वेद में लिवर से जुड़ी समस्याएं होने पर गन्ने का जूस पीने के सलाह  दी जाती है। ऐसा इसलिए क्योंकि इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स गुण लिवर इन्फेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं। यह लिवर को मजबूत बनाता है। गन्ने का रस एक लिवर के लिए एक टॉनिक का काम करता है। यह लिवर से टॉक्सिन्स को बाहर निकालता है। साथ ही एंजाइम्स को बढ़ावा देने में मदद करता है। यह लिवर में मौजूद फैट के संचय को कंट्रोल करता है। साथ ही इसके नियमित सेवन से लिवर फैट को कम करने में भी बहुत मदद मिलती है। ऐसे में फैटी लिवर रोगियों के लिए इसका सेवन बहुत लाभकारी साबित हो सकता है।

फैटी लिवर रोगी कब पिएं गन्ने का जूस- 

गर्मियों के दौरान फैटी लिवर रोगियों को रोज कम से एक गिलास गन्ने का जूस जरूर पीना चाहिए। लेकिन लिवर से जुड़ी समस्याओं के लिए सुबह खाली पेट गन्ने के रस का सेवन सबसे अधिक लाभकारी होता है। सुबह उठने के बाद आपको सबसे पहले पानी पीना चाहिए। उसके बाद चाय या कॉफी के स्थान पर गन्ने का रस पीना चाहिए। गर्मियों में ऐसे नियमित रूप से करें। इससे सिर्फ लिवर ही स्वस्थ नहीं रहेगा। बल्कि सेहत को भी कई लाभ मिलेंगें।

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