वंदेभारत ट्रेन में यात्रा चुनौती बन गई, पत्थरबाजों ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर दिया
वंदेभारत ट्रेन में यात्रा चुनौती बन गई है। पत्थरबाजों ने यात्रियों की सुरक्षा के लिए खतरा पैदा कर दिया है। हजरत निजामुद्दीन से आगरा कैंट के बीच शरारती तत्व 30 से अधिक कोच की खिड़की के कांच पत्थर मारकर तोड़ चुके हैं। ट्रेन का रखरखाव करने वाला भोपाल रेल मंडल अब तक 16 खिड़की के टूटे कांच बदल चुका है और अब भी विभिन्न कोचों में 14 खिड़की के टूटे कांच ही लगे हुए हैं।
देश की सबसे प्रीमियम ट्रेन में शुमार वंदेभारत ट्रेन को 1 अप्रैल को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई थी। रानी कमलापति स्टेशन से निजामुद्दीन के बीच ट्रेन के संचालन को 67 दिन हो चुके हैं। इन 67 दिन में अब तक एग्जीक्यूटिव क्लास से लेकर चेयरकार कोच के 30 विंडो के कांच पथराव के चलते टूट चुके हैं। ट्रेन का रखरखाव करने वाले भोपाल रेल मंडल के सीएंडडब्लू का स्टाफ अब तक 16 विंडो के टूटे हुए कांच बदल चुका है। अभी भी 14 कांच टूटे लगे हैं। रेलवे अफसरों का कहना है कि किसी ट्रेन में पथराव की घटनाएं नहीं हुईं, जितनी वंदे भारत में हो रही हैं।
इन कोच में अभी भी टूटे कांच लगे हैं
ऐसी घटनाएं होने के बाद भोपाल मंडल के अफसर ट्रेन के टूटे हुए कांच धीमी गति से बदल रहे हैं। अफसरों का कहना है कि हर दूसरे दिन पथराव हो रहा है। ऐसे में रोज-रोज ट्रेन के कांच बदलना संभव नहीं है। कोच ई-2, कोच सी-3 के सीट नंबर 68-69, सी-4 में सीट नंबर 70-71, सी-5 में सीट नंबर 38-39, सी-6 में सीट नंबर 3-4, सी-7 में 50-51 नंबर विंडो के कांच टूट हैं।
निजामुद्दीन से आगरा कैंट के बीच वारदातें
वंदे भारत एक्सप्रेस में चलने वाले आरपीएफ व टिकट चेकिंग स्टाफ से बात की गई तो उन्होंने बताया कि ट्रेन पर पथराव की घटनाएं सबसे अधिक निजामुद्दीन से आगरा कैंट के बीच हो रही हैं। कुछ घटनाएं मुरैना से ग्वालियर के बीच भी हुई हैं। लेकिन आरपीएफ पत्थरबाजों को पकड़ नहीं पा रहा। इससे यात्री दहशत भरे माहौल में सफर कर रहे हैं। डर बना रहता है कि शिकार न हो जाएं। पीआरओ, प्रशस्ति श्रीवास्तव ने कहा कि ट्रेन में पथराव से विंडो के कांच टूटने की जानकारी नहीं है। ट्रेन का रखरखाव भोपाल रेल मंडल करता है। यात्रियों की सुरक्षा रेलवे के लिए सर्वोपरि है।