महाराष्ट्र में चाचा भतीजे का सत्ता संघर्ष पहुंचा चरम पर, अजित पवार ने चाचा शरद पवार को दे दी रिटायर होने की सलाह
मुम्बई। अजित पवार ने आज चाचा शरद पवार को अपना नेता और गुरु बताया है। इसके बाद गुरु पर ही सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि 1978 में वसंत दादा पाटिल की सरकार गिराकर शरद पवार ख़ुद मुख्यमंत्री बने। 1999 में सोनिया गांधी को विदेशी कहकर अलग पार्टी बनाई और कहा कि वो प्रधानमंत्री नहीं बन सकती हैं। हमने पवार साहब की बात मान ली।
2004 में हमारे विधायक ज़्यादा थे। विलास राव देशमुख ने पूछा कि मुख्यमंत्री कौन होगा ? हमने चार विभाग ज़्यादा लेकर मुख्यमंत्री पद कांग्रेस को दे दिया। तब हमारा मुख्यमंत्री बनता तो आज भी होता।
उन्होंने आगे कहा कि 2014 में हमें कहा गया कि बीजेपी को बाहर से समर्थन करेंगे। 2017 में हम बीजेपी सरकार में शामिल होने वाले थे लेकिन हमने शर्त रख दी कि शिवसेना नहीं रहेगी। बीजेपी ने कहा कि 25 साल पुराने साथी को निकाल नहीं सकते हैं। 2019 में हमने शिवसेना के साथ सरकार बना ली।
2023 में पवार साहब ने कहा कि मैं 83 साल का हो गया हूँ, अब रिटायर होना चाहता हूँ। वो सुप्रिया को अध्यक्ष बनाना चाहते थे। हम तैयार थे, फिर U Turn क्यों लिया ? रिटायरमेंट की हर जगह सीमा है। आप कहां रुकेंगे, रिटायर क्यों नहीं होते ? आप हमारा मार्गदर्शन कीजिए। सभी विधायक हमारे संपर्क में हैं।