पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग पर जेल जाने का खतरा मंडरा रहा
मशहूर पर्यावरण कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग पर जेल जाने का खतरा मंडरा रहा है। कानून के जानकारों का कहना है कि उन्हें 6 महीने तक की जेल हो सकती है। उनपर प्रदर्शन को लेकर पुलिस आदेश की अवहेलना करने का आरोप है। दरअसल 19 जून को माल्मो शहर में वह अपने साथियों के साथ प्रदर्शन कर रही थीं। पुलिस ने उन्हें जगह खाली करने का आदेश दिया था। उन्होंने ऐसा नहीं किया। स्वीडन के कानून के मुताबिक इसके लिए उन्हें 6 महीने तक की सजा हो सकती है।
एक रिपोर्ट के मुताबिक ग्रेटा थनबर्ग फॉसिल फ्यूल के खिलाफ प्रदर्शन कर रही थीं। उनके खिलाफ केस करने वाले ने कहा, सबको प्रदर्शन करने की आजादी है लेकिन यह इस तरह का नहीं होना चाहिए जिससे लोगों को परेशानी हो। प्रदर्शनकारियों ने माल्मो बंदरगाह के प्रवेश और निकासी के रास्ते को ब्लॉक कर दिया था।
थनबर्ग के ग्रुप का कहना है कि वे भविष्य को बर्बाद करने वाली गतिविधियों को रोकनी की कोशिश कर रहे थे लेकिन उन्हें रोकने के लिए उनपर आपराधिक आरोप लगाए जा रहे हैं। उन्होंने कहा, असली अपराध बंद दरवाजों के अंदर चल रहा है। वहीं एक वकील ने कहा कि आम तौर पर ऐसे आपराध सिद्ध होने पर जुर्माना ही लगाया जाता है। माल्मो जिला अदालत में ही इस मामले की सुनवाई होगी।
ग्रेटा थनबर्ग ने एक इस्टाग्राम पोस्ट किया था और कहा था कि प्रदर्शनकारियों ने बंदरगाह की तरफ जाने वाले ट्रकों का रास्ता ब्लॉक कर दिा है। उन्होने कहा था कि जलवायु संकट गहराता जा रहा है और इससे पूरे मानवता पर बनी है।इसपर शांत नहीं रहा जा सकता। इसीलिए फॉसिल फ्यूल को हमने रोकने का फैसला किया है। बता देंकि ग्रेटा थनबर्ग बहुत कम ही उम्र से पर्यावरण के लिए काम कर रही थीं. मात्र 15 साल की उम्र में उन्होंने स्वीडन की संसद के बाहर प्रदर्शन किया था और फ्राइडेज फॉर फ्यूचर आंदोलन शुरू किया था।