स्टार्क ने मोईन अली बेन स्टोक्स और जॉनी बेयरस्टो जैसे धाकड़ बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई..
एशेज सीरीज के तीसरे टेस्ट मैच में इंग्लैंड ने ऑस्ट्रेलिया को 3 विकेट से हराया। भले ही कंगारू टीम के हाथ हार लगी लेकिन मिचेल स्टार्क ने अपनी कातिलाना गेंदबाजी से जमकर महफिल लूटी। स्टार्क ने शानदार गेंदबाजी करते हुए चौथी पारी में पांच विकेट झटके। स्टार्क ने मोईन अली बेन स्टोक्स और जॉनी बेयरस्टो जैसे धाकड़ बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई।
एशेज सीरीज का तीसरा टेस्ट मैच इंग्लैंड ने 3 विकेट से अपने नाम किया। हेडिंग्ले में भले ही जीत इंग्लिश टीम के हाथ लगी, लेकिन महफिल लूटने का काम मिचेल स्टार्क ने किया। स्टार्क ने दूसरी पारी में बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए पांच इंग्लिश बल्लेबाजों को पवेलियन की राह दिखाई। कंगारू गेंदबाज भले ही ऑस्ट्रेलियाई टीम को जीत दिलाने में नाकाम रहा, पर उन्होंने अपना नाम ग्लेन मैक्ग्रा और शेन वॉर्न की लिस्ट में जोड़ लिया है।
हेडिंग्ले में छाए मिचेल स्टार्क
हेडिंग्ले टेस्ट के चौथे दिन बेहतरीन गेंदबाजी की। स्टार्क दिन के पहले ही ओवर से बेहतरीन लय में नजर आए और उन्होंने बेन डकेट को अपना पहला शिकार बनाया। इसके बाद कंगारू बॉलर की लहराती हुई गेंद को मोईन अली समझने में पूरी तरह से नाकाम रहे और अंदर की तरफ आई गेंद उनका लेग स्टंप ले उड़ी।
स्टार्क जब अपने दूसरे स्पैल में लौटे, तो ऑस्ट्रेलिया को विकेट की तलाश थी। स्टार्क एकबार फिर कप्तान पैट कमिंस की उम्मीदों पर खरे उतरे और उन्होंने इंग्लैंड को एकसाथ दो बड़े झटके दे दिए। ऑस्ट्रेलियाई गेंदबाज ने पहलेको चलता किया, तो इसके बाद स्टार्क का शिकार जॉनी बेयरस्टो महज 5 रन बनाकर बने।
मैक्ग्रा-वॉर्न की लिस्ट में जुड़ा नाम
मिचेल स्टार्क ने मैच की चौथी पारी में कुल पांच विकेट झटके। इसके साथ ही वह शेन वॉर्न और ग्लेन मैक्ग्रा के क्लब में भी शामिल हो गए हैं। दरअसल, स्टार्क ऑस्ट्रेलिया की ओर से चौथे ऐसे गेंदबाज बने हैं, जिन्होंने चौथी पारी में पांच विकेट झटके, लेकिन टीम को जीत नहीं दिला सके।
जेम्स फेरिस इंग्लैंड के खिलाफ ही खेलते हुए चौथी पारी में पांच विकेट लेने के बावजूद 1890 में ऑस्ट्रेलिया को जीत दिलाने में नाकाम रहे थे। 1994 में शेन वॉर्न के साथ भी ऐसा हुआ था, तो ग्लेन मैक्ग्रा भी साल 1999 में पांच विकेट लेने के बावजूद वेस्टइंडीज के खिलाफ टीम को जीत नहीं दिला सके थे।