प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था सबसे खराब – आशुतोष सिन्हा, एमएलसी
वाराणसी, 30 नवंबर 2023। उ0प्र0 विधान परिषद के चल रहे शीतकालीन सत्र में सपा एमएलसी आशुतोष सिन्हा ने वाराणसी में फैले मच्छरजनित रोगों व बीमारियों के मुद्दे पर सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी के संसदीय क्षेत्र की स्वास्थ्य व्यवस्था पूरे प्रदेश में सबसे ख़राब है और इसका कारण प्रशिक्षित स्वास्थ्य कर्मियों की कमी है।
नगरीय मलेरिया यूनिट वाराणसी की स्थापना 1986 में उस समय के नगर के क्षेत्रफल व जनसँख्या के आधार पर पदों की स्वीकृति की गई थी। वर्तमान में नगरीय एरिया व जनसंख्या स्थापना के समय से लगभग 2 गुना हो गई है। अब तक कुल डेंगू के 401 व चिकनगुनिआ के 125 मरीज सरकारी पोर्टल पर दिखाए गए हैं, जबकि वास्तव में लगभग 2500 मरीज थे, इसी तरह जुलाई से अब तक जनपद में बुखार के 157139 मरीज दिखाए गए है, जबकि यह संख्या कम से कम 5 लाख रही होगी।
पूर्व के एरिया के लिए निर्धारित 90 क्षेत्रसेवकों की जगह मात्र 34 अनट्रेंड लोगों को रख कर काम लिया गया और नव शहरी एरिया के लिए कोई भी नया पद नहीं बढ़ाया गया, जिससे ज्यादा लोग बीमार हुए और क्षेत्र सेवक के पद को सरकार नॉन टेक्निकल बता कर भर्ती नहीं कर रही है, जबकि ये लोग कीटनाशक दवा का घोल बनाकर पूरे मानक के अनुसार छिड़काव कहाँ करना है – कहाँ नहीं, इसके लिए वो ट्रेंड होते हैं, फिर सरकार उसको नॉन टेक्निकल क्यों बताती है?
चूँकि टेक्निकल पदों पर भर्ती की जा सकती है, इसलिए सरकार सभी खाली और नए पदों की आवश्कतानुसार सृजन कर भर्ती करे। उन्होंने कहा कि वाराणसी में मच्छरों को मारने के लिए फॉगिंग की कोई व्यवस्था नही है और न ही प्रशिक्षित स्वास्थ्यकर्मी हैं। इस सन्दर्भ में उन्होंने मीडिया कर्मियों को बताया कि मैंने सदन में प्रश्न पूछा था कि वाराणसी की मलेरिया इकाई में क्षेत्रसेवकों के कुल स्वीकृत पदों के सापेक्ष कितने पद रिक्त हैं, जिसके जवाब में स्वास्थ्य मंत्री श्री ब्रजेश पाठक जी ने उत्तर दिया कि जनपद वाराणसी में कुल 90 स्वीकृत पदों के सापेक्ष 78 पद रिक्त हैं।
जिसपर श्री आशुतोष सिन्हा जी ने कहा कि पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य विभाग में कार्मिकों के ऐसे ही आँकड़े हैं, जिससे स्वास्थ्य व्यवस्था वेंटिलेटर पर पहुंच गई है। आज वाराणसी में 10 लाख से ज़्यादा मरीज हैं और सरकार स्वास्थ्य विभाग में प्रशिक्षित कर्मियों की नियुक्ति नही करना चाहती।इस समय विधान परिषद का शीतकालीन सत्र चल रहा है, जिसमें श्री आशुतोष सिन्हा जनहित के मुद्दों पर सरकार को लगातार घेर रहे हैं।