फ्लाइट के टॉयलेट्स में आखिर क्यों होते हैं एशट्रे

आप कभी Airplane में बैठे हों या नहीं, आपको इतना तो जरूर पता होगा कि फ्लाइट में सिगरेट पीना सख्त मना होता है और इसके लिए किसी व्यक्ति को जेल तक हो सकती है।

मगर क्या आपने कभी सोचा है कि जब हवाई जहाज में स्मोकिंग करने (Smoking In Flight) पर पाबंदी है, तो फिर फ्लाइट के टॉयलेट्स में ऐशट्रे (Ashtray) क्यों लगे होते हैं? है ना अजीब बात? ये सवाल अक्सर लोगों के दिमाग में आता है, पर इसका जवाब बहुत कम लोग जानते हैं। आइए, आज हम इसी राज से पर्दा उठाते हैं।

क्या कहता है नियम?
सबसे पहले यह जान लें कि दुनिया भर की सभी एयरलाइंस में फ्लाइट के अंदर स्मोकिंग करना पूरी तरह से मना है। 1980 के दशक से ही ज्यादातर एयरलाइंस ने इस पर पाबंदी लगा दी थी और 2000 के दशक की शुरुआत तक यह नियम हर जगह लागू हो गया। इस नियम को तोड़ने पर भारी जुर्माना और कानूनी कार्रवाई भी हो सकती है। बता दें, यह पाबंदी यात्रियों और विमान, दोनों की सुरक्षा के लिए है, क्योंकि विमान में आग लगने का खतरा बेहद ज्यादा होता है।

तो फिर ऐशट्रे का क्या काम?
अब आते हैं सीधे सवाल पर। दरअसल, टॉयलेट में ऐशट्रे होने का कारण यह नहीं है कि कोई वहां चोरी-छिपे सिगरेट पी सके, बल्कि यह एक सुरक्षा उपाय है। यह सुनकर आपको शायद हैरानी होगी, लेकिन यह सच है।

अंतर्राष्ट्रीय विमानन नियमों के तहत, हर कमर्शियल फ्लाइट के टॉयलेट में एक ऐशट्रे होना अनिवार्य है, भले ही उस फ्लाइट में स्मोकिंग की अनुमति न हो।

सेफ्टी पर्पस से जुड़ी है वजह
नियम बनाने वाले यह मानकर चलते हैं कि कितना भी सख्त नियम क्यों न हो, कोई न कोई यात्री ऐसा जरूर हो सकता है जो चोरी-छिपे सिगरेट पीने की कोशिश करे। अगर कोई व्यक्ति गुपचुप तरीके से सिगरेट पीता है और उसे बुझाने के लिए कोई जगह नहीं मिलती, तो वह उसे कहीं भी फेंक सकता है- जैसे कि कचरे के डिब्बे में।

कचरे के डिब्बे में अक्सर टिशू पेपर और अन्य आग पकड़ने वाली चीजें होती हैं। ऐसे में, अगर कोई सुलगती हुई सिगरेट उसमें डाल दी जाए, तो आग लगने का खतरा बहुत ज्यादा बढ़ जाता है। जाहिर तौर पर फ्लाइट में आग लगना सबसे भयानक आपात स्थितियों में से एक है।

इसलिए, यही वो खतरा है जिससे बचने के लिए फ्लाइट के वॉशरूम में ऐशट्रे लगाए जाते हैं। इसका मकसद यह तय करना है कि अगर कोई यात्री नियम तोड़कर सिगरेट पी भी ले, तो उसके पास उसे सुरक्षित रूप से बुझाने और निबटाने की जगह हो, ताकि आग लगने का खतरा कम हो सके। दरअसल, यह यह एक ‘सुरक्षा नेट’ की तरह काम करता है।

तो अगली बार जब आप फ्लाइट के टॉयलेट में ऐशट्रे देखें, तो यह न समझें कि वहां सिगरेट पीने की छूट है, बल्कि यह याद रखें कि यह यात्रियों और विमान की सुरक्षा के लिए एक अनिवार्य उपकरण है, जिसे सबसे बुरे हालात से निपटने के लिए डिजाइन किया गया है।

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