
सोने और चांदी की कीमतों में इसी साल सबसे अधिक बढ़ोतरी देखी गई है। उद्योग और कमोडिटी विशेषज्ञ इसकी वजह वैश्विक अनिश्चितता, ट्रंप का टैरिफ वॉर और दुनिया भर के सेंट्रल बैंक के जरिए सोने की खरीदारी को कीमतों की वृद्धि का कारण बता रहे हैं। भारत में त्योहारों का मौसम शुरू हो चुका है और नवंबर से लेकर अगले साल मार्च तक शादी-ब्याह का सीजन शुरू हो जाएगा।
उपभोक्ताओं की खरीदारी में आ रहा बदलाव
धनतेरस और दिवाली पर शगुन के तौर पर सोने और चांदी की खरीदारी भारतीय घरों में पारंपरिक है, लेकिन सवाल यह है कि सोने की बढ़ती कीमतों (15 अक्तूबर को 127,170 रुपये प्रति 10 ग्राम) के बीच सोने की बिक्री होने की संभावना है। रिटेल ज्वेलर्स कंपनियों का कहना है कि सोने की बढ़ती कीमतों की वजह से उपभोक्ता की खरीदारी में बदलाव आ रहा है। अब वे हल्के वजन के 14 व 18 कैरेट आभूषणों पर ध्यान दे रहे हैं। साथ ही शादियों के लिए पुराने अभूषणों के बदले नए गहनों की खरीदारी कर रहे हैं।
दिवाली और शादी-ब्याह के कारण साल के अंत तक तेजी जारी रहने की उम्मीद
वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के क्षेत्रीय सीईओ, भारत सचिन जैन ने कहा कि धनतेरस और दिवाली भारत में सोने की खरीदारी का सबसे बड़े अवसर होते हैं। उपभोक्ता पारंपरिक रूप से कम से कम एक प्रतीकात्मक खरीदारी जरूर करते हैं। 2025 में सोने की कीमतों में कई ऐतिहासिक ऊंचाइयों पर पहुंचने और सितंबर के अंत तक रुपये की कीमतों में लगभग 51.2 प्रतिशत की वार्षिक वृद्धि के बावजूद उपभोक्ता भावना और सोने की मांग सकारात्मक रही।
अगस्त 2025 में नौ महीने के उच्चतम स्तर पर पहुंचा सोने का आयात
रिटेलर्स ने भी हाल के महीनों में अपने स्टॉक को बढ़ाया है। जैन ने कहा सोने बढ़ी हुई कीमतों ने उपभोक्ता खरीदारी में बदलावा लाया है। इसमें उच्च कार्टेट वाले सोने के आभूषणों से लेकर डिजिटल सोना, सिक्के और ईटीएफ जैसे निवेश उत्पादों तक देखा जा रहा है।
18 कैरेट के हल्के डायमंड आभूषणों की ओर रुझान बढ़ा
कल्याण ज्वैलर्स के कार्यकारी निदेशक रमेश कल्याणरमन ने कहते हैं, लगातार सोने की कीमतें बढ़ने की वजह से उपभोक्ता कीमतों में गिरावट का इंतजार करने के बजाए खरीदारी करना पसंद कर रहे है। दूसरी ओर पुराना सोना व आभूषणों के बदलने का चलन तेजी से बढ़ा है, जिसमें 30 प्रतिशत की वृद्धि देखी जा रही है। उपभोक्ता अपने पुराने आभूषण व सोने के बदले नए आभूषण की खरीदारी कर रहे हैं। वहीं उत्तर भारतीय बाजारों में 18 कैरेट के हल्के डायमंड आभूषणों की ओर रुझान बढ़ा है। हमें उम्मीद है कि आगामी त्योहारी सीजन में मांग में तेजी बनी रहेगी।
सोने की कीमतें 50 प्रतिशत तक बढ़ने से खरीदारी पर असर पड़ा
टाइटन लिमिडेट ज्वेलरी डिविजन के सीईओ अशोक चावला कहते हैं कि इस साल के भीतर सोने की कीमतें 50 प्रतिशत तक बढ़ने की वजह से उपभोक्ता खरीदारी पर असर पड़ा है। इससे पहले लोग यह सोच रहे थे कि सोने और चांदी कीमतों में थोड़ी बहुत गिरावट आएगी, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। इसलिए अब वे त्योहारों और शादी ब्याह के मद्देनजर खरीदारी के लिए आ रहे है, जिसमें पुराने सोने को बदलकर नया लेने जैसे रुझान देखे जा रहे है। उम्मीद है कि आगमी त्योहारों के लिए ढेरों ऑफर और छूट उपभोक्ताओं की खरीदारी के लिए उत्साहित करेगी।
त्योहारों में 18 से 20 प्रतिशत बिक्री का अनुमान
कामा ज्वेलरी के एमडी कॉलिन शाह बताते हैं, सोने की कीमतें उच्च स्तर पर होने के बाद भी त्योहारी सीजन में खरीदारी उत्साहजनक बने रहने की संभावना है। क्योंकि धनतेरस और दिवाली खरीदारी की खरीदारी शुभ मानी जाती है, जिसकी वजह से मांग देखने को मिलेगी। हालांकि मांग की गतिशलता स्थिर रहने की संभावना है। वहीं अब उपभोक्ता की प्राथमिकता हल्के आभूषणों की ओर बढ़ रही है, जो निवेश के बजाए पहनने के उद्देश्य से अधिक है। इस प्रवृत्ति की वजह से त्योहारी सीजन में 9 से 18 हजार के बीच आभूषणों की मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखने को मिलने की संभावना है। इसमें भारी आभूषण भी शामिल होंगे। वे कहते हैं कि मौजूदा परिदृष्य को देखते हुए मुझे कुल बिक्री में लगभग 18 प्रतिशत से 20 प्रतिशत की त्योहारी वृद्धि की उम्मीद है, यह रत्न एवं आभूषण क्षेत्र के लिए कुछ राहत के संकेत अवश्य है, क्योंकि निर्यात पर भारी शुल्क के कारण उद्योग को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है।
साझेदारी के साथ सोने की खरीदारी
आदित्य बिड़ला ज्वेलरी इंद्रिया के सीईओ संदीप कोहली ने कहा सोने की कीमतें नई ऊंचाइयों को छूने के बावजूद त्योहारी सीजन के दौरान उपभोक्ता खरीदारों का रुझान उत्साहजनक बना रहने की संभावना है। सोने की कीमतें बढ़ने के बाद से अब उपभोक्ता भी काफी सोच समझकर खरीदारी करने लगे हैं। वे हल्के और कम कैरेट वाले सोने के आभूषण भी चुन रहे हैं। इसमें बेहतर डिजाइन, गुणवत्ता और विश्वसनीय ब्रांड को देख रहे हैं। जिसमें उन्हें शुद्ध सोने के आभूषण मिले भले ही वे हल्के वजन के क्यों न हों। यही कारण है कि सोने की ऊंची कीमतों के दौर में खरीदारी में उत्साह देखा जा रहा है।