अब भारत ने चीन की चालाकियों का जवाब एक ऐसी Smart रणनीति से दिया जयेगा
लेकिन फिर इसी वर्ष की शुरुआत में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चीन के Wuhan शहर में जाकर, वहां के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के साथ एक अनौपचारिक मुलाकात की. और इसी मुलाक़ात में ये तय हुआ था, कि दोनों ही देश डोकलाम विवाद को पीछे छोड़कर, भविष्य की Partnership पर काम करेंगे.
एक साल के Gap के बाद दोबारा हो रही, Hand In Hand Exercise, अब भारत और चीन की Partnership को मज़बूती देने का काम कर रही है. लेकिन इस कहानी में एक ज़बरदस्त Twist भी है. और वो Twist ये है, कि भारत सिर्फ चीन के साथ ही अपनी साझेदारी मज़बूत नहीं कर रहा. बल्कि इस वक्त भारत की सेना….अमेरिका और Russia की सेना के साथ भी अभ्यास कर रही है.
3 दिसम्बर को भारत और अमेरिका की वायुसेना ने COPE India नामक अभ्यास की शुरुआत की थी. ये अभ्यास 14 दिसम्बर तक चलेगा. इस युद्ध अभ्यास में कुल 33 Fighter Aircrafts को शामिल किया गया है. इनमें अमेरिका की वायुसेना के बारह F-15 Fighter Jets और भारतीय वायुसेना के दस सुखोई-30, 6 Jaguars और 5 Mirage 2000, Fighter Jets शामिल हैं.
इसके अलावा, भारत और Russia की वायुसेनाएं भी जोधपुर में Avia-Indra नामक युद्ध अभ्यास कर रही हैं. 10 दिसम्बर को शुरु हुआ ये अभ्यास 21 दिसम्बर तक चलेगा. और इसका मकसद भी Anti-Terrorist Operations के दौरान दोनों देशों की सेनाओं के बीच तालमेल बैठाना है. सिर्फ वायुसेना ही नहीं. भारत और Russia की नौसेनाओं के बीच भी 9 दिसम्बर से विशाखापट्टनम में एक युद्ध अभ्यास की शुरुआत हुई है. जो 16 दिसम्बर तक चलेगी.
यानी एक तरफ पाकिस्तान…भारत के चुनावी नतीजों की हवा में उड़ रहा है और 2019 की भविष्यवाणी कर रहा है. जबकि दूसरी तरफ, भारत, पाकिस्तान के परम मित्र चीन और Russia के साथ युद्ध अभ्यास कर रहा है. अलग अलग युद्ध अभ्यासों के ज़रिए.. भारत ने चीन और उसके व्यापारिक दुश्मन अमेरिका के साथ अपने संबंधों में भी संतुलन स्थापित कर लिया है. यानी भारत एक बहुत ही Smart कूटनीति पर काम कर रहा है. और पाकिस्तान जैसे देशों पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा.