ट्रंप के खिलाफ सीनेट में महाभियोग पर चर्चा शुरू, सदन में भीड़े डेमोक्रेट और रिपब्लिकन
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के खिलाफ आरोप-प्रत्यारोप के बीच महाभियोग की सुनवाई सीनेट में शुरू हो चुकी है। सदन में रिपब्लिकन और डेमोक्रेट्स सांसदों के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। बता दें कि अमेरिका के 45वें राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप अमेरिकी इतिहास के तीसरे ऐसे राष्ट्रपति हैं, जिनके खिलाफ महाभियोग को मंजूरी दी गई। उच्च सदन ने 18 दिसंबर को ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने की मंजूरी दी थी। 438 सदस्यीय निचले सदन में डेमोक्रेट्स का दबदबा है। गौरतलब है कि सत्ता के दुरुपयोग और सदन के काम में अवरोध पैदा करने के आरोप में ट्रंप के खिलाफ महाभियोग लाया गया है।
रिपब्लिकन सांसदों ने विपक्ष की मांग को खारिज किया
अमेरिकी मुख्य न्यायाधीश जॉन रॉबर्ट्स ने सदन की कार्यवाही बुलाई, इसके बाद सत्ता पक्ष और विपक्ष के बीच नोकझोंक शुरू हो गई। सदन में शुरुआती बहस के दौरान ट्रंप के मुख्य कानूनी सलाहकार ने महाभियोग को निराधार बताया। इस पर सदन में एक शीर्ष डेमोक्रिटक सांसद ने कहा कि ट्रंप के खिलाफ भारी सबूत है। अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन सांसदों ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के महाभियोग परीक्षण को खारिज कर दिया है। उन्होंने डेमोक्रेट्स सांसदों की मांग को खारिज करते हुए ट्रंप के खिलाफ कार्रवाई के प्रयासों को नकार दिया है।
उधर, डेमोक्रेट्स ने सीनेट से आह्वान किया है कि वह यूक्रेन पर दबाव बनाने के लिए ट्रंप को पद से हटाए। पूर्व डेमोक्रेटिक उपाध्यक्ष जो बिडेन ने ट्रंप पर जांच को बाधित करने का आरोप लगाया। इस पर रिपब्लिकन सीनेटरों का कहना है कि यह कार्रवाई राजनीति से प्रेरित है। अमेरिका में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के मद्देनजर महाभियोग लाया गया है। बता दें कि अमेरिकी सीनेट में रिपब्लिकन का दबदबा है।
महाभियोग के अपराध की पहचान करने में विफल रहे हैं डेमोक्रेट्स
उधर, सुनवाई के दौरान व्हाइट हाउस ने ट्रंप के पक्ष में दलीलें पेश करते हुए कहा कि डेमोक्रेट् के प्रभाव वाली प्रतिनिधि सभा महाभियोग के अपराध की पहचान करने में विफल रही है। प्रतिनिधि सभा ने शक्ति के दुरुपयोग के सिद्धांत पर काम करते हुए उच्च अपराध के मानक को दबा दिया है। प्रतिनिधि सभा ने नीतिगत असहमति के आधार पर महाभियोग को प्रभावी ढंग से लागू करने की कोशिश की है। उसकी कोशिश राष्ट्रपति पद को स्थायी रूप से कमजोर करने वाली है।
व्हाइट हाउस की ओर से यह भी कहा गया कि महाभियोग को लेकर चली जांच शुरू से ही त्रुटिपूर्ण थी। सदन ने कभी भी पूर्ण सदन के मतदान के बिना राष्ट्रपति के खिलाफ महाभियोग की जांच शुरू नहीं की है। हाउस डेमोक्रेट्स ने अपनी पूरी कार्यवाही में एक अनसुनी प्रक्रिया को स्वीकार किया। यहां तक कि इसमें राष्ट्रपति तक को भाग नहीं लेने दिया गया। प्रतिनिधि सभा के निशाने पर राष्ट्रपति ट्रंप थे। पूरी प्रक्रिया में हाउस डेमोक्रेट्स की मंशा कभी भी सच्चाई का पता लगाना नहीं था।
व्हाइट हाउस की दलील
व्हाइट हाउस की ओर से ट्रंप के पक्ष में सबसे मजबूत दलील यह पेश की गई कि राष्ट्रपति के खिलाफ लगाए गए आरोपों को साबित करने के लिए डेमोक्रेट्स के पास कोई भी सुबूत नहीं हैं। डेमोक्रेट्स की अगुवाई वाली प्रतिनिधि सभा ने ट्रंप पर यह झूठा आरोप लगाया कि उन्होंने उक्रेन को सशर्त सैन्य सहायता की पेशकश की थी। मालूम हो कि प्रतिनिधि सभा की अध्यक्ष नैंसी पेलोसी ने एक अमेरिकी व्हिसल ब्लोअर की शिकायत पर ट्रंप के खिलाफ महाभियोग चलाने के लिए जांच शुरू करने की घोषणा की थी। व्हिसल ब्लोअर ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया है कि ट्रंप ने राष्ट्रपति चुनाव जीतने के लिए विदेशी मदद लेने की कोशिश की थी। ट्रंप ने यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से फोन पर बात की थी और अपने संभावित डेमोक्रेट प्रतिद्वंद्वी जो बिडेन को बदनाम करने के लिए उन पर दबाव बनाया था। हालांकि ट्रंप बार बार इन आरोपों का खंडन करते रहे हैं।