विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर दिए गए PM मोदी के बयान से असहमति जताते हुए सरकार से इस पर कानून बनाने की मांग की

विश्व हिंदू परिषद ने अयोध्या में राम मंदिर को लेकर दिए गए पीएम मोदी के बयान से असहमति जताते हुए सरकार से इस पर कानून बनाने की मांग की है. वीएचपी के कार्यकारी अध्यक्ष आलोक कुमार ने बुधवार को मीडिया से बात करते हुए कहा कि हिंदू समाज अनंतकाल तक कोर्ट के फैसले का इंतजार नहीं कर सकता है. उन्होंने कहा कि अयोध्या में राम जन्मभूमि पर श्रीराम के भव्य मंदिर निर्माण के लिए सरकार को ससंद में कानून बनाना चाहिए. आलोक कुमार ने कहा, ‘माननीय प्रधानमंत्री जी का राम जन्मभूमि संबंधित बयान हमने देखा है. यह मामला पिछले 29 सालों से चल रहा है, इसकी अपील सुप्रीम कोर्ट में 2011 से चल रही है.

उन्होंने कहा कि यह मामला सुप्रीम कोर्ट में 29 अक्टूबर तक सुनवाई के लिए आया था. लेकिन तब तक उस बेंच का गठन नहीं हुआ था जो इस पर सुनवाई करेगी. सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले के जल्दी सुनवाई करने की मांग खारिज कर दिया था. अब ये सुनवाई 4 जनवरी को रही है.

वीएचपी का कहना है कि जिस पीठ को इसे सुनना चाहिए उसका गठन नहीं हुआ है. सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने जो ऑफिस रिपोर्ट निकाली है उसमें कहा गया है कि पीठ का गठन नहीं हुआ है. ऐसे में नहीं लगता है कि जल्द ही कोर्ट का फैसला आएगा. इसलिए हम चाहते है कि सरकार के इसी कार्यकाल में संसद द्वारा कानून बनाकर भगवान श्रीराम की जन्मभूमि पर भव्य मंदिर का मार्ग प्रशस्त किया जाए.

वीएचपी ने बताया है कि अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर प्रयागराज में प्रस्तावित कुंभ मेले में 31 जनवरी और 1 फरवरी को धर्म संसद होगी और पूज्य संत इस पर निर्णय लेंगे कि राम मंदिर बनाने के लिए कौन से कदम उठाने चाहिए. 

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