डोकलाम विवाद के बाद भारत ने चीन में भेजा अपना नया ‘दूत’, दोनों देशों के बीच करेंगे ये काम
चीन में भारत के नए राजदूत विक्रम मिस्री ने मंगलवार को पदभार ग्रहण कर लिया और चीन के शीर्ष अधिकारियों के साथ बैठक की जिसमें उन्होंने चीन और भारत के संबंधों पर चर्चा की. उन्होंने ऐसे वक्त पदभार संभाला है जब दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने का प्रयास कर रहे हैं. मिस्री (54) ने बीजिंग में विदेश मंत्रालय में प्रोटोकॉल के उपमहानिदेशक होंग ली को अपने परिचय पत्र की एक प्रति सौंपी. यहां भारतीय दूतावास ने ट्वीट किया कि मिस्री ने चीनी विदेश मंत्रालय में एशियाई मामलों के महानिदेशक वु जियांगझाओ से मुलाकात की और भारत एवं चीन के बीच द्विपक्षीय संबंधों पर अपने विचार साझा किए.
मिस्री 1989 बैच के भारतीय विदेश सेवा (आईएफएस) अधिकारी हैं. वह गौतम बम्बावाले का स्थान लेंगे जो पिछले साल नवंबर में सेवानिवृत्त हुए थे. मिस्री ने ऐसे समय में देश के दूत का कार्यभार संभाला है जब भारत और चीन 2017 के डोकलाम गतिरोध को पीछे छोड़कर विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के प्रयास कर रहे हैं.
चीन में भारत के दूत बनाए जाने के पहले मिस्री म्यामां में भारत के राजदूत के तौर पर सेवाएं दे चुके हैं. मिस्री प्रधानमंत्री कार्यालय के साथ-साथ विदेश मंत्रालय में भी अलग-अलग पदों पर काम कर चुके हैं. उन्होंने यूरोप, अफ्रीका, एशिया और उत्तर अमेरिका सहित भारत के कई दूतावासों में सेवाएं दी हैं.
मिस्री का जन्म श्रीनगर में हुआ था. उन्होंने ग्वालियर के सिंधिया स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी की और दिल्ली विश्वविद्यालय के हिंदू कॉलेज से इतिहास में स्नातक डिग्री हासिल की. मिस्री ने एक्सएलआरआई, जमशेदपुर से एमबीए की डिग्री भी प्राप्त की है.