सिंगापुर विपक्षी दल के नेता बने भारतीयवंशज प्रीतम सिंह, 1950 के बाद पहली बार नियुक्ति

भारतीय मूल के राज नेता प्रीतम सिंह ने सिंगापुर की राजनीति में अपना अहम मुकाम बनाया है. प्रीतम सिंह को मंगलवार को सिंगापुर की संसद में विपक्ष का नेता नामित किया गया. प्रीतम सिंह की वर्कर्स पार्टी ने 10 जुलाई को सिंगापुर में हुए आम चुनाव में 10 सीटें जीती थीं और वहां की संसद में सबसे बड़े विपक्षी दल के रूप में उभरी. सिंगापुर के इतिहास में ये पहली नियुक्ति है.

सिंगापुर की 10 सीटों पर जीता चुनाव

43 साल के प्रीतम सिंह की वर्कर्स पार्टी ने सिंगापुर के आम चुनाव में 93 सीटों पर चुनाव लड़ा था और 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. प्रीतम सिंह वर्कर्स पार्टी के महासचिव हैं.

संसदीय कार्यालय ने मंगलवार को जारी एक बयान में कहा कि सिंगापुर की संसद में कभी भी विपक्ष के नेता का आधिकारिक पद नहीं रहा और न ही संविधान या संसद के स्थायी आदेशों में ऐसे पद की व्यवस्था है.

पहली बार हुई नेता विपक्ष की नियुक्ति

1950 और 1960 के दशक में भी ऐसा नहीं रहा कि विपक्ष के नेता की नियुक्ति हुई हो, जबकि उस समय विपक्ष के सांसदों की संख्या अच्छी खासी हुआ करती थी.

बता दें कि सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली सियान लुआंग की सत्ताधारी पीपुल्स ऐक्शन पार्टी ने इन चुनावों में 83 सीटों पर जीत हासिल की थी और सबसे बड़ी पार्टी बनकर देश में सरकार बनाई. मंगलवार को पीपुल्स एक्शन पार्टी की सरकार का गठन हुआ.

सिंगापुर की संसद के कानून के मुताबिक प्रीतम को ज्यादा जिम्मेदारियां दी जाएंगी और उन्हें विपक्ष के नेता की भूमिका के तौर पर अतिरिक्त विशेषाधिकार दिए जाएंगे.

संसद के स्पीकर के कार्यालय और सदन में विपक्ष के नेता के दफ्तर ने एक संयुक्त बयान जारी कर बताया कि प्रीतम सिंह नीतियों, विधेयकों और प्रस्तावों पर संसदीय बहसों में वैकल्पिक विचार पेश करेंगे. इसके अलावा सरकार की नीतियों की आलोचना, उनकी खामियों की ओर ध्यान दिलाने की उनकी जिम्मेदारी होगी.

सालाना 2,79,025 डॉलर का पैकेज

पेशे से वकील प्रीतम सिंह से प्रवर समिति, लोक लेखा समिति में विपक्षी सदस्यों की नियुक्ति में सलाह लिया जाएगा. सिंगापुर सरकार में नई भूमिका के लिए उन्हें भत्ते के तौर पर सालाना 2,79,025 अमेरिकी डॉलर दिया जाएगा. बता दें कि प्रधानमंत्री ली ने 11 जुलाई को कहा था कि प्रीतम सिंह को विपक्ष का नेता नामित किया जाएगा.

शपथ लेने के बाद ली ने कहा कि चुनाव परिणामों ने सिंगापुर के लोगों की राजनीति में विचारों में विविधता के लिए मजबूत इच्छा प्रकट की है. संसद के बयान में कहा गया है कि किसी भी नई नियुक्ति के साथ, विपक्ष के नेता की भूमिका विकसित होगी जैसे हमारी राजनीतिक व्यवस्था विकसित होती है.

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