अक्षयवट दर्शन और परिक्रमा करेंगे सीएम योगी, सरस्वती कूप में होगी मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ गुरुवार को मूल अक्षयवट दर्शन का श्रीगणेश करने के साथ परिक्रमा लगाएंगे। एडीएम कुंभ दिलीप कुमार त्रिगुनायत ने बताया कि लगभग 40 मिनट तक मुख्यमंत्री किला में रहेंगे। वह किला में रैंप से मुख्य गेट से प्रवेश करेंगे। वहां नए मार्ग के पास बने गेट का फीता काटेंगे और उसी मार्ग से अक्षयवट तक जाएंगे। सेना के पुजारी उन्हें पूजा-पाठ कराएंगे। इसके साथ ही पवित्र वट वृक्ष आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खोल दिया जाएगा। मुख्यमंत्री वहां से सरस्वती कूप जाएंगे, जहां मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा समारोह में हिस्सा लेंगे और कूप में कराए गए विकास कार्यों का लोकार्पण करेंगे।
स्वच्छता कर्मियों को सम्मानित करेंगे
मुख्यमंत्री गुरुवार को सुबह साढ़े नौ बजे स्टेट प्लेन से बमरौली एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां से कार से खुसरोबाग जाएंगे, जहां पाथ-वे आदि सुंदरीकरण कार्यों का लोकार्पण करने के बाद अमर शहीद आजाद पार्क और भारद्वाज आश्रम में कराए गए कार्यों का उद्घाटन करेंगे। मुख्यमंत्री निर्मल अखाड़ा के संत निवास भवन का उद्घाटन करने कीडगंज भी जाएंगे और फिर वहां से संगम जाएंगे। अक्षयवट, सरस्वती कूप और फिर गंगा पंडाल में स्वच्छाग्रही एवं स्वच्छता कर्मियों को सम्मानित करने के साथ उन्हें किट भी वितरित करेंगे। वहीं पर कुंभ मेला के कार्यों का लोकार्पण भी करेंगे। संस्कृति विभाग की कुंभ मेला लघु फिल्म एवं कुंभ कॉफी टेबल बुक का विमोचन करेंगे। यहां से वह मीडिया सेंटर का उद्घाटन करने जाएंगे। फिर मेला कार्यालय में उनका लंच होगा।
चलो मन गंगा यमुना तीर का उद्घाटन
दोपहर करीब डेढ़ बजे वह अरैल क्षेत्र स्थित त्रिवेणी पुष्प जाएंगे। वहां पर पुनरुद्धार कार्यों, संस्कृति ग्राम, कला ग्राम एवं उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के चलो मन गंगा यमुना तीर का उद्घाटन करेंगे। फिर संस्कृति विभाग के चित्रों की प्रदर्शनी का शुभारंभ कर अवलोकन भी करेंगे। दोपहर बाद पौने तीन बजे टेंट सिटी पहुंचकर प्रवासी भारतीयों के रुकने और अन्य इंतजामों को देखेंगे। मुख्यमंत्री अंत में स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज के शिविर का उद्घाटन करेंगे और फिर पुलिस लाइन प्रयागराज जाएंगे, जहां से बमरौली एयरपोर्ट पहुंचेंगे।
अक्षयवट दर्शन को पार करने होंगे पांच दरवाजे
अक्षयवट दर्शन के लिए श्रद्धालुओं को किला में पांच दरवाजे पार करने होंगे। रैंप के नीचे एक दरवाजा बनाया गया है। इसके बाद रैंप जहां समाप्त होता है वहां एक दरवाजा पहले से है। यहां एक और दरवाजा बना दिया गया है। फिर नया मार्ग जहां से शुरू होता है वहां किला की दीवार तोड़कर गेट बनाया गया है। अंत में पवित्र वट के पास दरवाजा है। किला के अंदर प्रवेश करते ही दीवार पर पवित्र वट की आकर्षक चित्रकारी भी कराई जा रही है।