पाक को आतंकवाद को लेकर वैश्विक दबाव झेलना पड़ा, ऐसे में इस ‘टेररिस्‍तान’ का भारत के आगे झुकना लाजिमी है

 पाकिस्‍तान आखिरकार भारत के आगे एक बार फिर झुक गया. पाकिस्‍तान शुक्रवार को भारतीय वायुसेना के विंग कमांडर अभिनंदन को अपनी हिरासत से रिहा करने जा रहा है. इसके पहले भारतीय वायुसेना ने 26 फरवरी को पराक्रम दिखाते हुए पाकिस्‍तान में घुसकर आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद के ठिकानों को तबाह किया था. इसके बाद पाकिस्‍तान और भारत के बीच तनाव युद्ध स्‍तर पर है. अगर पाकिस्‍तान की बात करें तो वो 28 हजार अरब रुपये से अधिक के कर्ज डूबा है. उसकी सैन्‍य क्षमता भारत से कहीं पीछे है. साथ ही आतंकवाद उसकी गोद में खेल रहा है. उसे वैश्विक दबाव अलग झेलना पड़ रहा है. ऐसे में इस ‘टेररिस्‍तान’ का भारत के आगे झुकना लाजिमी है.

कंगाली की कगार पर है पाकिस्‍तान

पाकिस्‍तान की आर्थिक स्थिति इस वक्‍त सही नहीं है. पाकिस्‍तान पर मौजूदा समय में 28 हजार अरब रुपये के कर्ज का बोझ है. बता दें कि पाकिस्‍तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने सत्‍ता संभालने के बाद मितव्ययिता कदमों, कर्ज लेने की जगह कर सुधारों पर काम करने और भ्रष्टाचार को खत्म करने पर जोर दिया था. उन्होंने कहा था, ‘‘पाकिस्तान के इतिहास में हमने इस तरह की मुश्किल परिस्थितियों का सामना कभी नहीं किया. हमारा कर्ज का बोझ 28 हजार अरब रुपये है. अपने समूचे इतिहास में हम इतने ऋणग्रस्त कभी नहीं रहे, जितना पिछले 10 वर्षों में हो गए हैं.’’

इमरान लक्‍जरी कारें बेचने को थे तैयार

पीएम इमरान खान पाकिस्‍तान की आर्थिक स्थिति को  सुधारने का प्रयास करने का दावा किया था. इसके तहत उन्‍होंने पीएम आवास की 102 लक्‍जरी कारों को बेचने के लिए पिछले साल 17 सितंबर को नीलामी रखी. उनके मुताबिक इससे जुटाए गए धन से पाकिस्‍तान की आर्थिक स्थिति सुधारने में कुछ मदद मिलेगी. लेकिन उन्‍हें निराशा हाथ लगी. इन कारों के लिए उन्‍हें कोई भी ग्राहक नहीं मिला. जो गाड़ियां नीलाम होने के लिए रखी गईं थीं उनमें चार मर्सिडीज बेंज, 8 बुलेट प्रूफ बीएमडब्ल्यू, तीन 5 हजार सीसी की एसयूवी, 24 मर्सिडीज बेंज और दो 3 हजार सीसी की एसयूवी शामिल थीं.

लोगों पर खर्च करने तक के पैसे नहीं : इमरान

इमरान खान ने प्रधानमंत्री बनने के बाद अपने पहले संबोधन में  कहा था कि प्रधानमंत्री निवास में 524 सेवक और 80 कार हैं. उन्होंने कहा था, ‘‘प्रधानमंत्री यानि मेरे पास 33 बुलेटप्रूफ कार भी है. उड़ने के लिए हेलिकॉप्टर और विमान भी हमारे पास है. हमारे यहां गवर्नर का विशाल आवास है और हर कल्पनीय आराम की चीजें हैं.’’ उन्होंने कहा था, ‘‘एक तरफ हमारे पास अपने लोगों पर खर्च करने के लिए पैसे नहीं हैं, दूसरी तरफ हमारे यहां कुछ लोग इस तरह रहते हैं जैसे औपनिवेशिक स्वामी रहते थे.’’ खान ने कहा था, ‘‘मैं 524 की जगह दो लोगों को रखूंगा. मैं तीन बेडरूम वाले आवास में रहूंगा. मैं दो कार रखूंगा.

भारत विश्‍व का चौथा सशक्‍त देश

दुनिया के 100 से अधिक देशों की सैन्‍य क्षमता का आकलन करने वाली अंतरराष्‍ट्रीय एजेंसी ग्‍लोबल फायर पावर की एक रिपोर्ट में इसकी झलक दिखती है. 2018 फायरपावर इंडेक्‍स के मुताबिक सैन्‍य साजो-सामान और गोला बारूद से लेकर लड़ाकू विमानों तक पाकिस्‍तान भारत के आसपास भी नहीं ठहरता. सैन्‍य क्षमता के के मामले में भारत चौथा सशक्‍त देश है. पहले स्‍थान पर अमेरिका, दूसरे पर रूस और तीसरे पर चीन है. वहीं अगर पाकिस्‍तान की बात करें तो वह इस सूचकांक में 17वें स्‍थान पर है.

हमारे पास अधिक सैन्‍य बल

भारत के पास कुल 42.07 लाख (42,07,250) सैन्‍य बल मौजूद है. इसमें सक्रिय सैनिकों की संख्‍या 13.62 लाख (13,62,500) है. वहीं भारत के पास रिजर्व सैन्‍य बल 28 लाख (28,44,750) है. पाकिस्‍तान के पास कुल सैन्‍य बल महज 9 लाख (9,19,000) है. इसमें उसके सक्रिय सैनिकों की संख्‍या 6 लाख (6,37,000) है. वहीं पाकिस्‍तान के पास रिजर्व सैन्‍य बल 2.82 लाख (2,82,000) है.

भारतीय वायुसेना के पास दोगुने लड़ाकू विमान

भारत के पास कुल विमानों की संख्‍या 2,185 है. इसमें लड़ाकू विमानों की संख्‍या 590 है. वहीं जंगी विमानों की तादाद 804 है. इसके साथ ही परिवहन वाले 708 विमान और ट्रेनिंग वाले 251 विमान भारतीय वायुसेना के बेड़े में शामिल हैं. भारतीय वायुसेना के पास कुल 720 हेलीकॉप्‍टर मौजूद हैं. इनमें 15 लड़ाकू हेलीकॉप्‍टर हैं. वहीं पाकिस्‍तान के पास सिर्फ 1,281 विमान ही हैं. इनमें 320 लड़ाकू, 410 जंगी, 296 परिवहन और 486 ट्रेनर विमान शामिल हैं. साथ ही पाकिस्‍तान के पास 328 हेलीकॉप्‍टर हैं.

युद्धक टैंक भी हैं दोगुने

भारतीय सेना के पास 4,426 युद्धक टैं‍क हैं. 3,147 बख्‍तरबंद लड़ाकू वाहन भी भारतीय सेना के पास हैं. सेना के पास 190 स्‍वचालित तोपें हैं. भारत के पास कहीं ले जा सकने वाली 4,158 तोपें (टोव्‍ड आर्टिलरी) मौजूद हैं. इसके अलावा भारत के पास रॉकेट फायर करने वाले 266 रॉकेट प्रोजेक्‍टर हैं. वहीं पाकिस्‍तान के पास भारत से लगभग आधे युद्धक टैंक मौजूद हैं. इनकी संख्‍या 2,182 है. पाकिस्‍तान के पास 2,604 बख्‍तरबंद लड़ाकू वाहन, 307 स्‍वचालित तोपें, 1,240 कहीं भी ले जाई सकने वाली तोपें और 144 रॉकेट प्रोजेक्‍टर ही हैं.

अधिक शक्तिशाली है भारतीय नौसेना

भारतीय नौसेना के पास कुल 295 जहाज, पोत, पनडुब्‍बी हैं. इनमें 1 विमानवाहक युद्धपोत भी शामिल है. इसका नाम आईएनएस विक्रमादित्‍य है. नौसेना के पास 14 छोटे और तेज युद्धपोत (फ्रिगेट) हैं. 11 विध्‍वंसक युद्धपोत हैं, 22 छोटे जंगी युद्धपोत (कॉर्वेट), 139 गश्‍ती समुद्री जहाज और बारूदी सुरंग से निपटने के लिए 4 युद्धपोत हैं. इसके अलावा भारत के पास 16 पनडुब्बियां हैं. भारत के पास आईएनएस अरिहंत नामक परमाणु पनडुब्‍बी भी है. इससे समुद्र के नीचे से परमाणु मिसाइलें दागी जा सकती हैं.

पाकिस्‍तान के पास कुल 197 युद्धपोत, पनडुब्बियां, गश्‍ती जहाज हैं. उपलब्‍ध आंकड़ों के मुताबिक इनमें 10 छोटे और तेज युद्धपोत (फ्रिगेट) और 5 पनडुब्‍बी और बारूदी सुरंगों का पता लगाने वाले 3 युद्धपोत हैं. पाकिस्‍तान के पास एक भी विध्‍वंसक युद्धपोत और विमानवाहक युद्धपोत नहीं है.

जैश-ए-मोहम्‍मद का मुखिया अजहर पाकिस्‍तान में

आतंकी मौलाना मसूद अजहर ने 31 जनवरी, 2000 को आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्‍मद का गठन किया था. इसका मुख्‍यालय भी पाकिस्‍तान के बहावलपुर में है. पाकिस्‍तान ने पुलवामा हमले के बाद दबाव में यहां कार्रवाई करने की बात कही थी. लेकिन बाद में इसे मदरसा घोषित कर दिया. जैश का मकसद कश्‍मीर को भारत से अलग करके पाकिस्‍तान में शामिल करवाना है. 1999 में भारतीय विमान की हाईजैकिंग, 2001 में संसद हमले, 2016 में पठानकोट हमले और पुलवामा हमले में मसूद का ही हाथ है. भारत ने उसे संयुक्‍त राष्‍ट्र सुरक्षा परिषद में वैश्विक आतंकी घोषित करवाने की कई बार कोशिश की. लेकिन 2016 से लेकर अब तक चीन इसमें कई बार अड़ंगा लगा चुका है. अमेरिका,  फ्रांस और ब्रिटेन ने हाल ही में इसे प्रतिबंधित करने का प्रस्‍ताव दिया है.

खुलेआम घूमता है हाफिज सईद

1990 में आतंकी हाफिज सईद के नेतृत्‍व में आतंकी संगठन लश्‍कर-ए-तैयबा का गठन हुआ. इसमें करीब 50 हजार आतंकी शामिल हैं. कश्‍मीर को पाकिस्‍तान में मिलाना इसका मकसद है. पाकिस्‍तान के मुदरीके शहर में इसका मुख्‍यालय है. यहां आतंकी ट्रेनिंग कैंप चलते हैं. हाफिज सईद 2001 में भारतीय संसद पर हमले और 2006 व 2008 में मुंबई बम धमाकों का आरोपी है. पाकिस्‍तान कई बार भारत और अंतरराष्‍ट्रीय दबाव में सईद को नजरबंद कर चुका है. उसका संगठन जमात उद दावा भी आतंकी गतिविधियों में शामिल है.

पुलवामा हमले के बाद दुनिया की आंखों में धूल झोंकने के लिए पाकिस्‍तान ने आतंकी हाफिज सईद के आतंकी संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के दो नए फ्रंट बनाए हैं. इनका नाम जम्‍मू-कश्‍मीर मूवमेंट और रेस्‍क्‍यू, रिलीफ एंड एजुकेशन फाउंडेशन है. पाकिस्‍तान की नई चाल के मुताबिक जम्‍मू-कश्‍मीर मूवमेंट को जेयूडी की जिम्मेदारी दी गई है. वहीं रेस्‍क्‍यू, रिलीफ एंड एजुकेशन फाउंडेशन को फलाह-ए इंसानियत फाउंडेशन यानि एफआईएफ से जुड़े काम को देखने को कहा गया है.

ओसामा भी पाकिस्‍तान में मिला

पाकिस्‍तान में हिजबुल मुजाहिद्दीन, लश्‍कर-ए-झंग्‍वी, तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्‍तान, तालिबान, अलकायदा समेत अन्‍य खूंखार आतंकी संगठन पनाह पाए हैं. अमेरिका ने 2011 में ओसामा बिन लादेन को पाकिस्‍तान के एबटाबाद में खोज निकाला था और 2 मई, 2011 को उसे मौत के घाट उतारकर अपना बदला पूरा किया था. ओसामा पाकिस्‍तान के एबटाबाद में कई महीनों से शरण पाया हुआ था. वह वहां अपने परिवार के साथ रहता था.

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