सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील समझे जाने वाले दून में रेलवे व बस स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ा दी गई
सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील समझे जाने वाले दून में रेलवे व बस स्टेशन पर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दो दिन से रेलवे स्टेशन में आने-जाने वाले हर यात्री पर पुलिस बारीकी से नजर रख रही है। हर तरफ जीआरपी व आरपीएफ के जवान तैनात हैं। संदिग्ध वस्तुओं से निपटने के लिए बम निरोधक दस्ता भी मुस्तैद है। वहीं, आइएसबीटी के अलावा अन्य अड्डों पर भी सुरक्षा के खास इंतजाम किए गए हैं।
गुरुवार को भी दून रेलवे स्टेशन में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था देखने को मिली। आतंकी हमले की आशंका को देखते हुए दून रेलवे स्टेशन की अतिरिक्त सुरक्षा बढ़ा दी गई है। जीआरपी व आरपीएफ के जवानों ने स्टेशन में गश्त बढ़ा दी है। चारों प्लेटफार्म में पुलिस के जवानों को तैनात किया गया है।
ट्रेनों से आने वाले हर यात्री पर नजर रखी जा रही है। किसी भी यात्री के संदिग्ध नजर आने पर जवान तलाशी ले रहे हैं। वहीं, संदिग्ध वस्तुओं की चेकिंग के लिए बम निरोधक दस्ते को तैनात किया गया है, ताकि किसी भी आपात स्थिति से निपटा जा सके। स्टेशन अधीक्षक एसडी डोभाल ने कहा कि रेलवे स्टेशन के पूरे परिसर में सुरक्षा बढ़ा दी गई है। दून स्टेशन सबसे संवेदनशील है। क्योंकि यहां कई केंद्रीय एवं रक्षा संस्थान हैं।
वहीं, व्यस्ततम आइएसबीटी में पुलिस गश्त कर रही है। आइएसबीटी में भी सघन चेकिंग की जा रही है। इसके अलावा दून में एंट्री और एग्जिट प्वाइंट पर चौकसी बढ़ा दी गई है।
सीमा पर तनाव के बीच डीआरडीओ डीजी दून पहुंचीं
सीमा पर तनाव के बीच डिफेंस रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑर्गेनाइजेशन (डीआरडीओ) की महानिदेशक (इलेक्ट्रॉनिक्स) जे मंजुला ने दून का दौरा किया। अपने दो दिवसीय दौरे में उन्होंने डिफेंस इलेक्ट्रॉनिक्स एप्लिकेशन लैबोरेटरी (डील) और यंत्र अनुसंधान एवं विकास संस्थान (आइआरडीई) का निरीक्षण कर शोध परियोजनाओं की प्रगति जानी। महानिदेशक के इस दौरे को मौजूदा हालात के बीच रक्षा अनुसंधान कार्यों में तेजी लाने से जोड़कर देखा जा रहा है।
डीआरडीओ की महानिदेशक ने रायपुर स्थित डील में डाटा लिंक आदि प्रणाली से संबंधित कार्यों पर जानकारी ली। डीआरडीओ की यह प्रयोगशाला सेना के तमाम साजो-सामान के लिए डाटा लिंक की पहचान आदि की प्रणाली को अचूक बनाने का काम करती है। पिछले कुछ समय में डील ने भारतीय सीमा पर निगरानी को बेहतर बनाने के लिए रुस्तम नाम के अनमैंड एयर व्हीकल (यूएवी) के लिए निगरानी प्रणाली तैयार की है। वर्तमान में भी इस पर भी कार्य चल रहा है और इस तरह की कुछ अन्य परियोजनाएं भी गतिमान हैं। इसके साथ ही महानिदेशक ने आइआरडीई का निरीक्षण कर डे-व नाइट विजन से संबंधित शोध कार्यों की प्रगति रिपोर्ट तलब की। यह संस्थान सेना के हथियारों व अन्य मारक साजो-सामान की रात के घुप्प अंधकार में भी दुश्मन पर सटीक निगरानी के उपकरण विकसित करता है।
यहां पर तमाम तरह के लेजर गाइडेड रक्षा उपकरणों का भी विकास किया जाता है। महानिदेशक ने इन तमाम कार्यों की प्रगति रिपोर्ट देखकर सभी को समय पर पूरा करने के निर्देश दिए। सूत्रों के मुताबिक सीमा पर जारी मौजूदा हालात को लेकर डीआरडीओ ने अपने सभी प्रतिष्ठानों के कार्यों में तेजी लाने के निर्देश दिए हैं, ताकि जरूरत पड़ने पर विकसित रक्षा प्रणालियों का सेना उपयोग कर सके। हालांकि दोनों प्रतिष्ठानों के अधिकारियों ने इसे इंटरनल दौरा बताते हुए कुछ भी अधिक जानकारी देने से इन्कार कर दिया।
दूसरे दिन सुचारू रही हवाई अड्डे पर उड़ानें
भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव का असर गुरुवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट एयरपोर्ट पर नहीं दिखा। उत्तराखंड देहरादून के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर गुरुवार को सुबह से लेकर देर शाम तक हवाई उड़ानें सुचारू रही। एयरपोर्ट से जम्मू कश्मीर व अमृतसर के लिए भी एयरपोर्ट से उड़ाने भरी गई।
विदित हो कि भारत-पाक बॉर्डर पर तनाव के चलते उत्तराखंड के जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर भी बुधवार को इसका असर देखा गया था। जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर जम्मू कश्मीर, अमृतसर के अलावा दोपहर बाद अन्य जगहों के लिए विभिन्न एयरलाइंसो ने अपनी सभी उड़ानें स्थगित कर दी गई थी। हालांकि एयर इंडिया की रात्रि 7 बजे वाली फ्लाइट रनवे पर उतरने के बाद वापस दिल्ली लौट गई थी। जौलीग्रांट एयरपोर्ट निदेशक विनोद शर्मा ने बताया कि गुरुवार को जौलीग्रांट एयरपोर्ट से देश के प्रमुख हवाई अड्डो दिल्ली, मुंबई, बैंगलोर, हैदराबाद, बेंगलुरु, अहमदाबाद, लखनऊ, जम्मू, अमृतसर, जयपुर , कुमाऊं के पंतनगर व गुवाहाटी एयरपोर्ट के अलावा कनेक्टिंग हवाई सेवा दिल्ली टू मुंबई, नागपुर, गोवा, कोलकाता जैसे बड़े शहरों के बीच हवाई सेवाओं का लाभ यात्रियों को लाभ मिला।