मुंबई में ‘कसाब पुल’ गिरा, छह की मौत, 33 घायल
दक्षिण मुंबई के सबसे व्यस्त रेलवे स्टेशन छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस [ सीएसएमटी ] से डीएन रोड के दूसरी ओर ले जाने वाले फुटओवर ब्रिज का आधा सीमेंट स्लैब गुरुवार शाम 7.30 बजे भरभराकर गिर गया। हादसे में छह लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए। यह ‘कसाब पुल’ कहलाता है, क्योंकि 2008 में मुंबई हमले के वक्त इसी रास्ते से आतंकी कसाब कॉमा अस्पताल पहुंचा था।
हादसे के कुछ देर बाद ही घटनास्थल पर पहुंचे दमकल और पुलिसकर्मियों ने घायलों को निकट के सेंट जॉर्ज एवं जीटी अस्पताल पहुंचाया। मरने वाले छह लोगों में तीन महिलाएं हैं।
पुलिस प्रवक्ता मंजूनाथ शिंज ने बताया कि मृतकों की पहचान अपूर्व प्रभु (35), रंजना तांबे (40), भक्ति शिंदे (40), जाहिद शिराज खान (32) और टी सिंह (35) के रूप में हुई, जिसमें दो महिलाएं प्रभु और तांबे जीटी अस्पताल के कर्मचारी हैं।
मलबे से पिचकी एक टैक्सी
जिस समय यह ब्रिज गिरा, तब ब्रिज पर उसके नीचे भी सबसे ज्यादा भी़़ड होती है। कफी लोग भी चपेट में आए। मलबे के नीचे आई एक टैक्सी बिल्कुल पिचक गई।
हिमालया ब्रिज भी है नाम
डीएन रोड के ऊपर से गुजरने वाला यह ब्रिज ‘हिमालया ब्रिज’ के नाम से भी जाना जाता है और छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस को आजाद मैदान पुलिस स्टेशन की ओर जानेवाली गली से जो़़डता है।
इसी ब्रिज से गुजरा था कसाब..
26/11 के आतंकी हमले के दौरान पाकिस्तानी आतंकी कसाब और उसका साथी इसी ब्रिज से होकर कॉमा अस्पताल पहुंचे थे। दक्षिण मुंबई से निकलकर उपनगरीय मुंबई और ठाणे के लिए जाने वाले इसी मार्ग से गुजरते हैं। दुर्घटना के बाद यह मार्ग बंद कर दिया गया।
एल्फिंस्टन रोड हादसे में 23 लोग मारे गए थे
जुलाई 2018 में अंधेरी रेलवे स्टेशन के निकट भी रेलवे लाइनों के ऊपर से गुजरने वाला एक पुल गिर गया था। इसमें पांच लोग घायल हुए थे। सुबह 7.30 बजे वह दुर्घटना होने के कारण पुल पर अधिक भी़़ड नहीं थी। करीब दो साल पहले एल्फिंस्टन रोड स्टेशन पर हुए ब्रिज हादसे में भी 23 लोग मारे गए थे।
बचाव अभियान के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल की 45 सदस्यीय टीम को घटनास्थल पर भेजा गया है।
एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा कि ओवर ब्रिज का इस्तेमाल पैदल यात्रियों द्वारा किया जा रहा था, यहां तक कि सुबह मरम्मत का काम भी हुआ था। दमकल कर्मी तुरंत घटनास्थल पर पहुंच गए और बचाव कार्य पूरे जोरों पर है।
टैक्सी ड्राइवर ने कहा कि शुक्र है कि जब पुल गिरा, तो पास की सड़क पर लाल सिग्नल था, अन्यथा कई लोग निश्चित रूप से मलबे के नीचे दब गए होते। घटना के तुरंत बाद, चुने गए प्रतिनिधियों और स्थानीय पार्टी के नेताओं ने राजनीतिक दोष-खेल के बीच मौके पर पहुंचे।