शादी के बाद कभी अपने मायके नहीं गई माता सीता , जानिए वजह
आप सभी को बता दें कि भगवान श्री राम और माता सीता के चरित्र और मूल्यों को लोग आज भी याद करते हैं और उन्हें जानने के बाद उनका पालन करते हैं. ऐसे में भगवान राम अपने गुणों के कारण मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम से जाने जाते हैं, वहीं सीता माता को भी त्याग और समर्पण की मूर्ति मानी गईं थीं. ऐसे में आज हम आपको बताने जा रहे हैं माता सीता के बारे में कुछ ऐसी बातें जो आप शायद ही जानते होंगे. आइए जानते हैं.
1) ज्योतिषों के अनुसार सीता जी का जिक्र रामचरित मानस में 147 बार आया है.
2) बताते हैं बहुत कम लोग जानते हैं कि भगवान श्री राम से माता सीता का विवाह बाल्यकाल में ही हो गया था और 18 वर्ष की आयु में वे भगवान श्री राम के साथ वनवास चली गईं थीं. आप सभी को यह भी बता दें कि 33 वर्ष की अवस्था में अयोध्या नरेश श्री राम की पत्नी होने के साथ ही महारानी होने का गौरव भी उन्हें मिल गया था.
3) कहा जाता है लंकेश के अपहृत करने के बाद वे कुल 435 दिनों तक लंका में रहीं और रावण जिस सीता को अपने साथ ले गया था दरअसल वो सीता नहीं बल्कि उनकी छाया थीं वास्तविक सीता का स्वरूप तो अग्निदेव के पास था.
4) कहा जाता है विवाह के बाद कभी सीता अपने मायके जनकपुर नहीं गईं वहीं वनवास गमन की सूचना पर उनके पिता राजा जनक ने उन्हें अपने मायके चलने का आग्रह किया परंतु उन्होंने साफ मना कर पति के साथ ही जाने का निणर्य सुनाया था.
5) मान्यता है कि जहाँ भगवान श्री राम ने सरयू में अपना देह त्याग किया था वहीं माता सीता सशरीर परलोक चली गईं थीं.