जानिए माता शीतला की 7 बहनों के नाम
आज शीतला माता का दिन है और आज उनका व्रत रखने से बहुत लाभ होता है. ऐसे में मां शीतला का वाहन सृष्टि में सबसे ज्यादा धैर्यवान है. कहते हैं गणेश जी की सर्वाधिक प्रिय दूब मां शीतला को बहुत पसंद है. कहते हैं माता शीतला सात बहन हैं- ऋणिका, घृर्णिका, महला, मंगला, शीतला, सेठला और दुर्गा. आप सभी को बता दें कि चैत्र कृष्ण अष्टमी से आषाढ़ कृष्ण अष्टमी तक होने वाले 90 दिन के व्रत को ही गौरी शीतला व्रत भी कहा जाता है. ऐसे में चैत्र, वैशाख, ज्येष्ठ और आषाढ़ के कृष्ण पक्ष की अष्टमी शीतला देवी की पूजा-अर्चना के लिए समर्पित हो जाती है. कहते हैं इन महीनों में गर्मी शुरू होने लगती है और चेचक आदि की आशंका रहती है. ऐसे में प्रकृति के अनुसार शरीर निरोगी हो, इसलिए भी शीतला अष्टमी व्रत करना चाहिए.
आप सभी को बता दें कि इस दिन शीतल जल में स्नान करके- ‘मम गेहे शीतलारोग जनितोपद्रव प्रशमनपूर्वकायुरोग्यैश्वर्याभिवृद्धये शीतलाष्टमी व्रत करिष्ये’ मंत्र का संकल्प व्रती को करना चाहिए और नैवेद्य में पिछले दिन के बने शीतल पदार्थ- मेवे, मिठाई, पूआ, पूरी, दाल-भात, लपसी और रोटी-तरकारी आदि कच्ची-पक्की आदि चीजें मां को चढ़ानी चाहिए. इस दिन रात में जागरण और ठंडे दीप अवश्य जलाने चाहिए और स्कन्द पुराण में शीतलाष्टक स्तोत्र पढ़ना चाहिए.
ऐसा माना जाता है कि उसकी रचना भगवान शंकर ने की थी. ‘वन्देहं शीतलां देवीं रासभस्थां दिगम्बराम. मार्जनीकलशोपेतां शूर्पालंकृतमस्तकाम.’ अर्थात गर्दभ पर विराजमान, दिगम्बरा, हाथ में झाड़ तथा कलश धारण करने वाली, सूप से अलंकृत मस्तक वाली भगवती शीतला की मैं वंदना करता हूं. ये स्वच्छता की अधिष्ठात्री देवी हैं.