पुरानी है पाकिस्तान की ये बेशर्मी, अमेरिकी चेतावनी के बाद भी नहीं हुआ कोई असर

 पाकिस्तान के अखबार डॉन के अनुसार पाक ने पुलवामा आतंकी हमले (Pulwama Terror Attack) को लेकर भारत द्वारा दिए गए सबूतों को खारिज कर दिया है। पाकिस्तान ने 27 फरवरी को जैश-ए-मुहम्मद के खिलाफ दिए गए भारत के डोजियर को भी नकार दिया है। उसे जांच में पुलवामा हमले में पाकिस्तान के शामिल होने का सबूत नहीं मिला है। डोजियर में भारत ने पाक सीमा में 22 स्थानों पर आतंकी शिविर होने के सबूत दिए थे। इसे भी पाक ने खारिज कर दिया है।

ये कोई पहला मौका नहीं है जब पाकिस्तान ने ऐसी बेशर्मी दिखाई है। इससे पहले भी पाकिस्तान भारत द्वारा दिए गए सबूतों और डोजियर को कोई बार नकार चुका है, फिर चाहे मामला मुंबई आतंकी हमले का हो या पाक में छिपे बैठे दाऊद, हाफिज सईद और मसूद अजहर के खिलाफ सबूतों का। पाकिस्तान हर बार इन सबूतों को नजरअंदाज कर देता है, चाहे भले ही उसे अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए आलोचना का सामना क्यों न करना पड़े। अमेरिका ने तो पुलवामा हमले के बाद पाकिस्तान को कड़ी चेतावनी भी दी, लेकिन वह अपनी आदत से बाज आने को तैयार नहीं है। आइये जानते हैं पाकिस्तान ने कब-कब भारत के सबूतों को खारिज किया है।

पुलवामा आतंकी हमला

पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को सीआरपीएफ काफिले (CRPF Convoy) पर हुए आत्मघाती हमले में 40 जवान शहीद हुए थे। हमले के तुरंत बाद पाक से संचालित होने वाले आतंकी संगठन जैश-ए-मुहम्मद ने 21 वर्षीय आत्मघाती हमलावर आदिल अहमद डार का एक वीडियो जारी कर, इस हमले की जिम्मेदारी ली थी। इसके बाद भी पड़ोसी मुल्क ने इस हमले में पाक की भूमिका को खारिज कर दिया। पुलवामा का बदला लेने को 26 फरवरी 2019 को भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान में घुसकर बालाकोट में चल रहे जैश-ए-मुहम्मद के आतंकी शिविर पर एयर स्ट्राइक (Air Strike) की, इसे भी पाक ने खारिज कर दिया।

बावजूद अगले दिन पाकिस्तानी वायु सेना ने अमेरिका के F16 विमान भारतीय सीमा में भेज सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का नाकाम प्रयास किया। जवाबी कार्रवाई करते हुए भारतीय वायु सेना के जांबाज अभिनंदन ने पाक सीमा में एक F16 विमान को मार गिराया, बावजूद पाकिस्तान अपनी बेशर्मी से बाज नहीं आया। अपने पायलट की शहादत को सम्मान देना तो दूर, पाक ने अमेरिका के डर से F16 विमानों का प्रयोग करने की बात को ही खारिज कर दिया। पाकिस्तान जैश-ए-मुहम्मद चीफ मसूद अजहर को बचाने के लिए हमेशा चीन का इस्तेमाल करता रहा है।

मुंबई आतंकी हमला

26 नवंबर 2008 से 29 नवंबर 2008 तक पाकिस्तानी आतंकवादी संगठन लश्कर-ए-तैयबा के 10 आतंकियों ने मुंबई में कई जगहों पर लगातार हमला किया। इसमें छत्रपति शिवाजी टर्मिनस, ओबेरॉय ट्राइडेंट, ताज पैलेस एंड टॉवर, लियोपोल्ड कैफे, कामा अस्पताल, नरीमन हाउस यहूदी समुदाय केंद्र, मेट्रो सिनेमा, सेंट जेवियर कॉलेज आदि भीड़भाड़ वाली जगहें शामिल थीं। चार दिन तक लगातार चले इस हमले में आतंकियों ने जमकर कत्लेआम मचाया, जिसमें 164 लोगों की मौत हो गई थी, जबकि 308 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। मारे गए व घायल लोगों में अमेरिका समेत कई देशों के नागरिक शामिल थे। इस दौरान सुरक्षा बलों ने एक आतंकी अजमल आमिर कसाब को जिंदा पकड़ लिया। उसने खुलासा किया था कि सभी आतंकी लश्कर-ए-तैयबा के सदस्य थे और पाकिस्तान से आए थे। उनके हैंडलर भी पाकिस्तान में हैं।

पहले तो पाकिस्तान ने अजमल को पाकिस्तानी नागरिक मानने से इनकार कर दिया। जब पाक मीडिया समेत अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने अजमल के परिवार का साक्षात्कार दिखाया, तो पाकिस्तान ने भारी दबाव में सात जनवरी 2009 को उसे अपना नागरिक माना। हालांकि, इसके बाद भी पाकिस्तान ने अपने देश में बैठे इस हमले के जिम्मेदार हाफिज सईद समेत आतंक के अन्य आकाओं के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की। मुंबई हमले में लश्कर-ए-तैयबा और पाकिस्तान में बैठे आतंकियों की भूमिका के सबूत भारत ने ही नहीं, बल्कि अमेरिकी खुफिया एजेंसी और अमेरिकी सेना ने भी पाकिस्तान को सौंपे थे। बावजूद पाकिस्तान ने बेशर्मी दिखाते हुए कहा कि हाफिज सईद के खिलाफ कोई सबूत नहीं है।

मोस्ट वांटेड दाऊद इब्राहिम

डी कंपनी का प्रमुख अंडरवर्ल्ड डॉन दाऊद इब्राहिम भारत की मोस्ट वांटेड लिस्ट में टॉप पर है। मुंबई में 12 मार्च 1993 को 12 जगहों पर हुए सीरियल बम धमाकों में वह मुख्य आरोपी है। इन धमाकों में 257 लोगों की मौत हुई थी, जबकि 700 से ज्यादा लोग घायल हुए थे। दाऊद को अमेरिका समेत संयुक्त राष्ट्र ने वैश्विक आतंकी घोषित कर रखा है। बावजूद वह कई दशक से पाकिस्तान के कराची शहर में सेना की कड़ी सुरक्षा में आराम से रह रहा है। भारत कई बार दाऊद के पाकिस्तान में होने के सबूत पाकिस्तान और संयुक्त राष्ट्र को सौंप चुका है। बावजूद पाकिस्तान ने हर बार इन सबूतों को खारिज कर दिया।

हिजबुल मुजाहिद्दीन चीफ सैय्यद सलाहुद्दीन

मसूद अजहर, हाफिज सईद और दाऊद इब्राहिम की तरह ही भारत की मोस्ट वांटेड सूची में शामिल आतंकी सरगना सैय्यद सलाहुद्दीन भी पाकिस्तान में छिपा बैठा है। वह पाकिस्तान से ही रह कर भारत के खिलाफ अपना आतंकी संगठन हिजबुल मुजाहिद्दीन चलाता है। हिजबुल, भारत में कई आतंकी वारदात को अंजाम दे चुका है। सैय्यद सलाहुद्दीन भी वैश्विक आतंकी घोषित है। पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर और रावलपिंडी में उसके आतंकी ठिकाने हैं। भारत उसके खिलाफ भी पाकिस्तान को कई बार सबूत और डोजियर दे चुका है, लेकिन हर बार पाकिस्तान ने इन्हें नकार दिया।

ओसामा बिन लादेन

अल-कायदा चीफ और दुनिया के सबसे बड़े आतंकवादियों में शुमार ओसामा बिन लादेन भी पाकिस्तान में छिपा बैठा था। पाकिस्तान में वह ऐबटाबाद स्थित सैन्य मुख्यालय के करीब अपने पूरे परिवार के साथ और कड़ी सुरक्षा में रह रहा था। पाकिस्तान ने उसकी मौजूदगी दुनिया से छिपाए रखी। ओसामा बिन लादेन अमेरिका के न्यूयार्क शहर में 11 सितंबर 2001 को वर्ल्ड ट्रेड सेंटर, ट्विन टॉवर और पेंटागन पर हुए आतंकी हमले का मुख्य साजिशकर्ता था। इन हमलों में तकरीबन 4000 लोग मारे गए थे, जबकि 70 देशों के हजारों नागरिक घायल हुए थे। इन हमलों को चार विमानों को हाईजैक कर अंजाम दिया गया था। आखिरकार, 02 मई 2011 को अमेरिकी कमांडों ने एक बेहद सीक्रेट मिशन में पाकिस्तान के ऐबटाबाद स्थित घर में घुसकर ओसामा बिन लादेन को मार गिराया और उसका शव भी साथ ले गए थे। इससे पाकिस्तान एक बार फिर अंतरराष्ट्रीय मंच पर आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए बेनकाब हुआ था।

पठानकोट आतंकी हमला

02 जनवरी 2016 की सुबह छह पाकिस्तानी आतंकियों ने पठानकोट एयरबेस पर हमला किया, जिसमें सात जवान शहीद हुए थे। इसके बाद पाकिस्तानी ज्वाइंट इन्वेस्टिगेशन टीम (जेआइटी) ने 29 मार्च को पठानकोट एयरबेस का दौरा किया। भारत की नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआइए) ने उन्हें हमले की पूरी जानकारी दी। पांच दिन तक छानबीन करने के बाद जेआइटी पाकिस्तान वापस लौट गई। वहां उन्होंने कहा कि टीम को एयरबेस पर मेन गेट की जगह दूसरे संकरे रास्ते से ले जाया गया। जेआइटी ने कहा कि एयरबेस का उनका दौरा महज 55 मिनट का था, जो सबूत जुटाने के लिए काफी नहीं था। लिहाजा टीम ने आतंकी हमले संबंधी भारत के सबूतों को नकार दिया था। जेआइटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि उन्हें हमले में पाकिस्तानी आतंकियों के शामिल होने के सबूत नहीं मिले हैं। वहीं मामले में एनआइए ने जेआइटी को हमले से जुड़े पुख्ता सबूत दिए थे। इनमें चार आतंकियों की डीएनए रिपोर्ट, उनकी पहचान, जैश-ए-मुहम्मद के आतंकियों शामिल होने के सबूत और फोन कॉल रिकॉर्ड आदि शामिल थी। इस हमले का मास्टर माइंड भी जैश सरगना मसूद अजहर ही था।

दो सैनिकों का सिर काटा

01 मई 2017 में पाकिस्तानी की बॉर्डर एक्शन टीम (बीएटी) ने भारतीय सीमा में जम्मू-कश्मीर के पुंछ क्षेत्र में करीब 250 मीटर अंदर घुसकर दो भारतीय जवानों का सिर काट लिया और अपने साथ ले गए। इसमें भी भारत ने पाकिस्तान को पुख्ता सबूत सौंपते हुए जिम्मेदारी सैन्य अधिकारियों और कर्मियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की, लेकिन पाकिस्तान ने इसे भी खारिज कर दिया। इसके अलावा भी भारत में हुए कई आतंकी हमलों और जम्मू-कश्मीर में अशांति फैलाने जैसी तमाम घटनाओं में पाकिस्तानी आतंकी संगठन शामिल रहे हैं। भारत ने वक्त-वक्त पर इसके सबूत भी सौंपे, लेकिन पाकिस्तान ने हर बार इन सबूतों को नकार दिया। पाकिस्तान स्वतंत्र एजेंसी या तीसरे पक्ष से इन सबूतों की जांच कराने को भी तैयार नहीं है।

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