2014 में जनता ने कांग्रेस के चुनावी वादों को कर दिया था खारिज, इस बार क्या है उसके पिटारे में
कांग्रेस मतदाताओं को अपनी तरफ झुकाने के लिए हर तरह के हथकंडे अपना रही है। ऐसे में उसका चुनावी घोषणा पत्र बड़ा अहम साबित होने वाला है। राहुल गांधी खुद इस घोषणा पत्र को मंगलवार को जारी करेंगे। हालांकि राहुल इस घोषणा पत्र से पहले ही कई सारी बातें इससे इतर अपनी चुनावी सभाओं में कह चुके हैं। इनमें यदि सरकार में आए तो नीति आयोग को खत्म करने की बात भी शामिल है। इसके अलावा न्यूनतम आय योजना और 22 लाख खाली पड़े पदों को भरने का वादा भी शामिल है।
बहरहाल, मंगलवार को उनके चुनावी पिटारे में और क्या वादे हैं यह साफ हो जाएगा। लेकिन यहां पर खास बात ये भी है कि कांग्रेस ने 2014 के लोकसभा चुनाव में भी कई वादे किए थे, लेकिन वह कोई भी काम नहीं आ सके।जनता ने भारी बहुमत से भाजपा के हाथों में सत्ता सौंप दी। ऐसे में इस बार के चुनावी वादे कांग्रेस की कितनी नैया पार करवा पाएंगे इसका जवाब भविष्य के गर्भ में छिपा है। फिलहाल उन वादों पर गौर कर लेते हैं जो कांग्रेस के चुनावी घोषणा पत्र का हिस्सा बन सकती हैं। इसके साथ ही एक नजर उनके और भाजपा के 2014 के घोषणा पत्र पर भी डाल लेते हैं।
घोषणापत्र में ये वादे संभव
- 22 लाख खाली पड़े पदों को भरा जाएगा।
- ‘न्याय’ न्यूतनम आय योजना लागू की जाएगी।
- कर्ज माफी का बड़ा वादा हो सकता है।
- किसानों का बिजली बिल भी आधा करने का प्रस्ताव।
- फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने का भरोसा।
- हर नागरिक को स्वास्थ्य की गारंटी का कानूनी अधिकार का वादा संभव।
- संसद और विधानसभाओं के साथ केंद्र सरकार की नौकरियों में भई 33 फीसद महिला आरक्षण का वादा संभव।
- मेयर का पांच साल के लिए सीधे चुनाव करने की फिर व्यवस्था। जनता सीधे मेयर के साथ-साथ नगर परिषद भी चुनेगी।
- उच्च शिक्षा के क्षेत्र के लिए होंगे क्रांतिकारी बदलाव से जुड़े प्रस्ताव।
- नोटबंदी से बेहाल उद्योगों को फिर से पटरी पर लाने की बनेगी रूपरेखा।
- 2014 का घोषणा-पत्र भी देखें भाजपा के घोषणापत्र के मुख्य बिंद
- भाजपा का लक्ष्य होगा- एक भारत और श्रेष्ठ भारत। और रास्ता होगा-सबका साथ सबका विकास
- महंगाई, रोजगार, स्वरोजगार, भ्रष्टाचार, काला धन पर खास प्रावधान।
- शिथिल नीतियों से निपटने के प्रावधान।
- ई-गवर्नेंस और सरकार के शासन प्रणाली में पारदर्शिता।
- मुकदमों का निपटारा जल्दी हो, कोर्ट के बाहर समझौता हो सके इसकी व्यवस्था हो।
- लोक अदालतें हों।
- पुलिस व्यवस्था में सुधार। खासकर महिलाओं की सुरक्षा की दृष्टि से।
- एससी-एसटी व अन्य दुर्बल लोगों का सशक्तीकरण।
- उर्दू का विस्तार, मदरसों के आधुनिकीकरण पर जोर।
- बंदरगाहों का विकास करने पर जोर।
- हिमालय की सुरक्षा के लिए रेजिमेंट बनाने की घोषणा।
- स्वर्णिम चतुर्भुज बुलेट ट्रेन शुरू करने की घोषणा।
- हर गांव को इंटरनेट से जोड़ा जाएगा।
- देश भर में गैस ग्रिड बनाने का वादा।
- मल्टी ब्रैंड रिटेल को छोड़ सभी में एफडीआइ जारी रहेगा।
- शिक्षण संस्थाओं को विश्वस्तरीय बनाने पर जोर होगा।
- मल्टीकंट्री स्टूडेंट एक्सचेंज प्रोग्राम शुरू करेंगे।
- हर व्यक्ति के पास एक पक्के घर का वादा।
- 50 नए टूरिस्ट सर्किट बनाएंगे।
- किसानों को लागत मूल्य से 50 फीसदी
- दिलाने का वादा।
- कर प्रणाली में सुधार का वादा।
- मैन्यूफैक्र्चंरग सेक्टर में सुधार जरूरी। ब्रांड इंडिया पर जोर।
- अध्यापकों के वोकेशनल ट्रेनिंग पर जोर।
- हर राज्य में एम्स की स्थापना होगी।
- हर गांव में पाइप से पानी पहुंचाने का वादा।
- नेशनल ई-लाइब्रेरी का वादा।
- संविधान के दायरे में आयोध्या में राम मंदिर के निर्माण के लिए सभी संभावनाओं को तलाशेंगे।
- भाजपा प्राथमिकता के आधार पर गंगा की स्वच्छता, शुचिता और अविरल प्रवाह को सुनिश्चित करने को प्रतिबद्ध है।
- देश की अन्य नदियों की सफाई के लिए समूचे देश में एक व्यापक कार्यक्रम चलाया जाएगा।
- पशुपालन विभाग को पर्याप्त रूप से सुदृढ़ किया जाएगा ताकि गाय व गोवंश का संरक्षण व संवद्र्धन हो सके।
- स्वास्थ्य के अधिकार का वादा।
- दूर-दराज क्षेत्रों तक मेडिकल वैन पहुंचाना।
- जीडीपी का कुल तीन फीसद सिर्फ स्वास्थ्य संबंधी योजनाओं पर खर्च करना।
- 2020 तक स्वास्थ्य के क्षेत्र में 60 लाख नए रोजगार के अवसर पैदा करना।
- महिला आरक्षण बिल के माध्यम से संसद में 33 फीसद महिला सीट के आरक्षण की योजना।
- महिलाओं से संबंधित अपराधों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट।
- अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए कम्यूनल वायलेंस बिल।
- कर में छूट और क्रे डिट जैसी सुविधाओं तक पहुंच आसान बनाने का वादा। -तीन साल में विकास दर आठ फीसद अधिक करना।
- जॉब्स एजेंडा से रोजगार के 10 करोड़ नए अवसर पैदा करना।
- सभी श्रेणी के मजदूरों के लिए स्वास्थ्य और पेंशन की सुविधा लागू करना। ’ आरक्षण के जरिए अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और अन्य पिछड़े वर्गों को बेहतर शिक्षा प्रदान करना।
- निजी क्षेत्र में भी अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए रोजगार के नए अवसर पैदा करना।
- उच्च स्तरीय शिक्षा और खेल की सुविधाएं देना।
- राष्ट्रीय स्तर पर युवाओं की प्रतिभा निखारना।
- उत्तर पूर्व, जम्मू-कश्मीर के युवाओं को भेदभाव से बचाने की बात।
- वृद्धों और विधवाओं के लिए पेंशन स्कीम
- ग्रामीण क्षेत्रों की जमीनों का शत प्रतिशत डिजिटाइजेशन।
- खाद्य सुरक्षा योजना के तहत कम मूल्य में दाल और खाद्य तेल देना।
- एफडीआइ से कृषकों को अच्छा मूल्य दिलाना।
- किसानों के लिए कम ब्याज पर ऋण की सुविधा देना।