पंजाब की जीत में राहुल-मंयक की तूफानी पारी ऐसे पड़ी वार्नर पर भारी

आईपीएल के 12वें सीजन में मुकाबले दिल्चस्प होते जा रहे हैं. कभी लगता है कि किसी टीम का कोई तोड़ नहीं है, तो कभी वही टीम कमजोर सी भी हो जाती है. ऐसा ही कुछ हो गया हैदराबाद की टीम के साथ. शुरुआती मैचों में शानदार बल्लेबाजी और अपने दमदार गेंदबाजों के दम पर इस टीम ने अपने कप्तान केन विलियमसन की गैर मौजूदगी में भी बेहतरीन प्रदर्शन किया था. अब उसे पंजाब के हाथों ही हार का सामना करना पड़ा जबकि मुकाबला कांटे का ही रहा. 

हैदाराबाद की बल्लेबहाजी ने किया निराश

मोहाली में टॉस हार कर जब हैदराबाद की टीम बल्लेबाजी करने उतरी तो दर्शकों को उम्मीद थी की जॉनी बेयरस्टॉ और डेविड वार्नर उनका भरपूर मनोरजन करेंगे,  लेकिन  उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया. दूसरे ओवर में ही मुजीब उर रहमान ने बेयरस्टॉ को केवल एक रन के निजी स्कोर पर कप्तान अश्विन को कैच देकर  पवेलियन वापस लौट गए. इसके बाद वार्नर और विजय शंकर उस तूफानी अंदाज में बल्लेबाजी नहीं कर सके और पहले छह ओवर में हैदराबाद का इस सीजन में न्यूनतम स्कोर 27 रन रहा. 

तेजी नहीं दिखी हैदराबाद की पारी में

11 ओवर तक हैदराबाद के केवल 61 रन बन सके और विजय शंकर (27 गेंदों में 26 रन) अश्विन के शिकार बन पवेलियन वापस चले गए थे. इसके बाद मोहम्मद नबी (7 गेदों पर 12 रन) भी जल्दी ही वार्नर दूसरे छोर से पूरी कोशिश कर रहे थे कि रनों की रफ्तार बढ़ती रहे. 16वें ओवर में वार्नर ने अपनी फिफ्टी और हैदराबाद के 100 रन पूरे किए. यह वार्नर का पंजाब के खिलाफ लागातार 7वीं फिफ्टी थी. मनीष पांडे ( 15 गेंदों पर 19 रन) के रनों की रफ्तार पर मोहम्मद शमी ने लगाम लगाई. अंत में दीपक हुड्डा के तीन गेंदों पर 14 रनों की मदद से हैदराबाद 150 का अंक छू सका. वार्नर ने 62 गेंदों में केवल 70 रन बनाए. 

गेल नहीं चले तो राहुल मयंक ने संभाला मोर्चा

पंजाब के लिए यह लक्ष्य आसान नहीं होने वाला था खासकर हैदराबाद की गेंदबाजी को देखते हुए, लेकिन क्रिस गेल का हैदराबाद के खिलाफ रिकॉर्ड भी शानदार था. गेल ने हाथ खोलने में देर नहीं लगाई, लेकिन वे (14 गेदों पर 16 रन) चौथे ओवर में ही राशिद खान की गेंद को हुड्डा को कैच दे बैठे. यहां से मयंक अग्रवाल और केएल राहुल ने पारी को संभाला और पहले पावर प्ले में ( 6 ओवर में) 38 रन जोड़े और 8वें ओवर में स्कोर 50 के पार कर दिया. 

अंतिम ओवरों में तीन विकेट भी रोक नहीं सके पंजाब को

दस ओवर तक दोनों ने अपने विकेट बचाते हुए स्कोर 69 रन कर दिया. इसके बाद राहुल ने तेजी दिखाई और 13वें ओवर में अपनी फिफ्टी पूरी कर टीम के 100 रन भी पूरे कर लिए. दोनों ने राशिद खान को और विकेट लेने नहीं दिए. आखिरी पांच ओवर में पंजाब को जीत के लिए 40 रन चाहिए थे. 17वें ओवर में मयंक अग्रवाल ने अपनी फिफ्टी पूरी की, लेकिन अगले ओवर में संदीप शर्मा ने मयंक को विजय शंकर के हाथों लपकवा लिया. इसी ओवर में डेविड मिलर भी एक रन बनाकर संदीप का शिकार बने.

अंत तक डटे रहे राहुल

अब पंजाब को 12 गेंदों पर 16 रनों की जरूररत थी. 19वें ओवर में सिद्धार्थ कौल ने मनदीप को भी आउट कर दिया. अब छह गेंदों पर 11 रनों की जरूरत थी और गेंद मोहम्मद नबी के हाथों में राहुल पहले भी नबीं को धुन चुके थे इस लिए उन्हें इस ओवर में 11 रन बटोरने में कोई दिक्कत नहीं आई और यह मैच पंजाब ने एक गेंद रहते ही 6 विकेट से जीत लिया. राहुल ने 53 गेंदों पर 71 रनों की पारी खेली. 

फीकी पड़ गई वार्नर की पारी 

केएल राहुल ने वहीं भूमिका निभाई जो वार्नर ने हैदराबाद के लिए निभाई थी. लेकिन राहुल की पारी वार्नर की पारी से काफी बेहतर रही. वार्नर को मुश्किल पिच मिली तो राहुल को सामान्य लक्ष्य हासिल करने का दबाव. राहुल ने वार्नर से एक रन ज्यादा बनाया नौ गेंदें कम. दोनों ने एक-एक छक्का लगाया. वार्नर ने छह चौके लगाए तो राहुल ने सात. इसके अलावा सबसे बड़ा अतंर मयंक अग्रवाल का रहा जिन्होंने राहुल का बखूबी साथ देते हुए 55 रन बनाए. वार्नर को ऐसा साथ नहीं मिला.  राहुल को उनके प्रदर्शन के लिए मैन ऑफ द मैच का खिताब दिया गया. 

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