AAP को बाय-बाय कहने की तैयारी में अलका लांबा, केजरीवाल को लग सकता है झटका

लोकसभा चुनाव-2019 के लिए चुनाव प्रचार जोर पकड़ चुका है। हरियाणापंजाब और दिल्ली में लोकसभा चुनाव लड़ने की तैयारी में जुटी दिल्ली में सत्तासीन आम आदमी पार्टी (Aam Aadmi Party) को पार्टी विधायक अलका लांबा बड़ा झटका देने की तैयारी कर रही है। दिल्ली की चांदनी चौक सीट से AAP विधायक अलका लांबा ने अपने ट्वीट से तो यही इशारा किया है। 

राजनीति से जुड़े जानकारों की मानें तो चांदनी चौक से AAP विधायक अलका लांबा और आम आदमी पार्टी के बीच सबकुछ ठीक नहीं चल रहा है। इसका अंदाजा शुक्रवार को अलका लांबा के ट्वीट से लगाया जा सकता है, जिसमें उन्होंने लिखा कि ‘25 अप्रैल को लूंगी फैसला’।

इस ट्वीट के बाद अलका के AAP को छोड़ने की अटकलें लगाई जा रही हैं। अलका ने खुलकर अभी कुछ भी नही बोला है, मगर जानकारों का कहना है कि आप और कांग्रेस में गठबंधन नहीं होने पर अलका पार्टी छोड़ सकती हैं।

उधर, पार्टी प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज और उनके बीच शुक्रवार को भी ट्विटर पर तंज चलता रहा। पहले सौरभ भारद्वाज ने उनका नाम लिए बिना एक ट्वीट किया। इस पर लांबा ने भी बिना उनको टैग किए और नाम लिए जवाब दिया कि मेरा 25 सालों का संघर्ष हैं, जहां भी हूं अपने दम पर हूं।

कुछ महीने पहले कांग्रेस में जाने की अटकलों के बीच चांदनी चौक से आम आदमी पार्टी (AAP) की विधायक अलका लांबा ने बगावती तेवर अपनाते हुए सीधे पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल पर निशाना साधा था। एक न्यूज चैनल को दिए गए इंटरव्यू में उन्होंने कहा था कि पार्टी की मीटिंग में केजरीवाल विधायकों और कार्यकर्ताओं को टुच्चा कहते हैं। एक विधायक को तो केजरीवाल ने गधा तक कह दिया, जिसके बाद विधायक ने रोते हुए इस्तीफे की पेशकश कर दी थी। हालांकि बाद में उन्हें मना लिया गया था। अलका लांबा ने कहा था कि केजरीवाल को लगता है कि पार्टी उन्हीं की बदौलत खड़ी है, जबकि केजरीवाल खुद में कन्फ्यूज्ड हैं।

उन्होंने कहा था कि विधानसभा में जब राजीव गांधी से भारत रत्न वापस लेने का प्रस्ताव आया, तो मुझे ठेस लगी। मुझे भी समर्थन करने को कहा गया था। यह कांग्रेस पर दबाव बनाने की रणनीति थी। जब मैंने पार्टी विधायकों के वाट्सएप ग्रुप में प्रस्ताव की कॉपी शेयर की तो मुझसे इस्तीफा मांगा गया था। मैं इस्तीफा देने के लिए राजी हो गई थी। 

क्या विधानसभा सदस्यता छोड़ने को तैयार हैं अलका? पार्टी के प्रवक्ता सौरभ भारद्वाज ने ट्वीट कर कहा था, कांग्रेस में शामिल होने के लिए अलका लांबा को AAP से इस्तीफा देना होगा, इसका मतलब होगा कि अलका लांबा को अपनी विधायक की सीट गंवानी पड़ेगी। अगर पीसी चाको उन्हें आमंत्रित कर रहे हैं, तो उन्हें तुरंत AAP से इस्तीफा देकर कांग्रेस की सदस्यता ले लेनी चाहिए। विधायक की कुर्सी को छोड़ने के लिए साहस की आवश्यकता होती है। इसके बाद अलका लांबा और सौरभ भारद्वाज में जमकर ट्विटर वार हुआ था, फिर मामला AAP के राज्यसभा सदस्य संजय सिंह के जन्म दिन पर खत्म हुआ था।

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