पपीता खाने का भी होता है एक समय, उसके बाद ना करें सेवन
आयुर्वेद में पपीते को बहुत खास और महत्वपूर्ण फल बताया गया है. इसके सेवन से आपको कई लाभ होते हैं. सेहत के साथ आपकी स्किन और खूबसूरती को भी बरकरार रखने का काम करता है. इसके अल्वा आपकी सेहत पर भी इसका अच्छा खासा असर पड़ता है. यह न केवल आपका पाचन दुरुस्त रखता है, बल्कि कई तरह की बीमारियों से भी आपको बचाता है. इसका सेवन करने से खून शुद्ध होता है, जिससे त्वचा और बालों के सौदर्य में भी बढ़ोतरी होती है. आइए जानते हैं पपीता खाने के और भी कई लाभ.
आंखों के लिए भी है फायदेमंद
पपीते में मौजूद विटामिन ए की मात्रा आंखों की रोशनी के लिए सबसे अच्छा विकल्प होता है. इसमें मौजूद विटामिन सी हड्डियों के लिए अच्छा होता है. यह आर्थराइटिस जैसी गंभीर बीमारी से भी बचाता है.
डायबिटीज रोगियों के लिए
कच्चे पपीते से महिलाओं में ऑक्सीटोसीन की मात्रा को बढ़ाया जा सकता है. यह गर्भाशय में संकुचन लाता है और मासिक धर्म के समय दर्द भी कम होता है. जिन्हें शुगर की दिक्कत है, वे भी कच्चे पपीते का सेवन कर खून में शर्करा के स्तर को कम कर सकते हैं. इससे शरीर में इंसुलिन की मात्रा बढ़ती है. कच्चे पपीते में फाइबर भरपूर होता है. आयुर्वेद के अनुसार, यह पेट से जुड़ी समस्याएं दूर करता है और शरीर से जहरीले पदार्थ बाहर निकालता है.
पपीता खाने का भी है एक समय
आयुर्वेद में हर चीज का सही समय तय होता है. पपीते का सेवन सुबह 5 बजे से 9 बजे तक करना चाहिए. एक टाइम में एक कटोरी पपीता सेहत के लिए सही होता है. शाम 6 बजे के बाद पपीते का सेवन पेट के लिए नुकसानदेह हो सकता है. पपीते के ज्यादा सेवन से किडनी में पथरी का खतरा बढ़ जाता है. गर्भावस्था में भूलकर भी पपीते का सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे गर्भपात होने की आशंका अधिक रहती है.