EC ने कहा- फिल्म नरेंद्र मोदी बायोग्राफी से ज्यादा एक ‘हैजियोग्राफी’

विवेक ओबरॉय स्टारर मूवी पीएम नरेंद्र मोदी की मुसीबत खत्म होने का नाम नहीं ले रही. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग (EC) पीएम मोदी की बायोपिक पर रोक लगाने के पुराने फैसले पर कायम है.

विवेक ओबरॉय स्टारर मूवी पीएम नरेंद्र मोदी की मुसीबत खत्म होने का नाम नहीं ले रही. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, चुनाव आयोग (EC) पीएम मोदी की बायोपिक पर रोक लगाने के पुराने फैसले पर कायम है. 17 अप्रैल को पीएम नरेंद्र मोदी देखने के बाद 22 अप्रैल को EC ने सुप्रीम कोर्ट को सीलबंद लिफाफे में अपना फैसला सौंपा. जिसके अनुसार, EC ने चुनाव खत्म होने के बाद ही फिल्म को रिलीज करने की अनुमति दी है.

19 मई को लोकसभा चुनाव खत्म हो रहे हैं. इसी के बाद ओमंग कुमार की निर्देशित मूवी को रिलीज किया जा सकेगा. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, EC ने सुप्रीम कोर्ट को सौंपी गई रिपोर्ट में लिखा- पीएम नरेंद्र मोदी बायोग्राफी से ज्यादा ये एक हैजियोग्राफी (जिसमें किसी संत का गुणगान किया गया हो) है. फिल्म की रिलीज चुनावी संतुलन को बिगाड़ेगी, बीजेपी को फायदा पहुंचेगा.

रिपोर्ट में लिखा है- ”कमेटी के विचार में आचार संहिता की अवधि के दौरान फिल्म ‘पीएम नरेंद्र मोदी’ की पब्लिक स्क्रीनिंग विशेष राजनीतिक दल को फायदा पहुंचाएगी. इसलिए फिल्म को 19 मई से पहले रिलीज होने की अनुमति नहीं दी जा सकती है. फिल्म में नरेंद्र मोदी का करेक्टर साफ तौर पर स्पष्ट है. कई सीन्स ऐसे हैं जिमसें विपक्ष को भ्रष्ट और गलत रोशनी में दिखाया गया है. उनके नेताओं को इस तरह पेश किया गया है कि उनकी असली पहचान साफ तौर पर जाहिर होती है.”

चुनाव आयोग द्वारा बनाई गई कमेटी के अनुसार फिल्म पीएम नरेंद्र मोदी एक राजनीति माहौल बनाती है. 135 मिनट की ये फिल्म में एक शख्स को सीन्स, स्लोगन और सिंबल के माध्यम से बहुत बड़े पद पर खड़ा करती है. फिल्म अंत में एक खास शख्स को संत का दर्जा देती है.

बता दें, पीएम नरेंद्र मोदी 11 अप्रैल को रिलीज होने वाली थी. लेकिन अब चुनाव आयोग के अंतिम फैसले के बाद दर्शकों को पीएम की बायोपिक देखने के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा.

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