कंपनी की तरफ से मिलने वाले इंश्योरेंस कवर की ये होती हैं खासियतें, आप भी जानिए
ग्रुप टर्म लाइफ इंश्योरेंस (GTL) एक ऐसा बीमा है, जो नियोक्ता अपने कर्मचारियों को उपलब्ध कराता है। यह सिर्फ एक साल की पॉलिसी होती है, जिसे हर साल रिन्यू किया जाता है। एक कर्मचारी होने के नाते आपको इस इंश्योरेंस से जुड़ी कुछ महत्वपूर्ण बातें आपको जरूर जाननी चाहिए। कोई कंपनी या फर्म अपने कर्मचारियों को लाइफ इंश्योरेंस की सुविधा उपलब्ध कराने के साथ दूसरे कारणों से भी ग्रुप टर्म लाइफ इंश्योरेंस उपलब्ध कराती है।
अपने कर्मचारियों को लाइफ कवर उपलब्ध कराने के लिए कई कंपनियां ग्रुप टर्म लाइफ इंश्योरेंस का ऑप्शन चुनते हैं।कंपनी में पहले से काम कर रहे कर्मचारियों को पॉलिसी जारी होने की तारीख से कवर मिलता है और नए कर्मचारियों को नियुक्ति की तारीख से कवर मिलता है। प्रत्येक कंपनी अपने हिसाब से कर्मचारियों को लाइफ कवरेज प्रदान करता है।
कुछ ऑर्गेनाइजेशन फ्लैट कवर की पेशकश करते हैं जैसे प्रति कर्मचारी 5 लाख रुपये। कुछ ऑर्गेनाइजेशन अलग-अलग कवर देने का ऑप्शन चुनते हैं जैसे कर्मचारियों के लिए 5 लाख रुपये, मैनेजमेंट के लिए 10 लाख रुपये और बड़े अधिकारियों के लिए 15 लाख रुपये आदि।कई संगठन अपने कर्मचारियों को उसकी सालाना सीटीसी के आधार पर लाइफ कवर उपलब्ध कराते हैं। जैसे किसी कर्मचारी का सीटीसी 5 लाख रुपये है तो इसका तीन गुना यानी कि लगभग 15 लाख रुपये तक का कवर दिया जाएगा।
कई बड़े संगठन कर्मचारियों को लाइफ और हेल्थ इंश्योरेंस कवर के तौर पर दी जाने वाली राशि का उल्लेख करते हैं। जिनका उल्लेख कर्मचारियों को दिए गए अप्वाइंटमेंट लेटर में होता है ताकि कर्मचारी इनका लाभ उठा सकें।ग्रुप के आकार, ग्रुप की औसत आयु, सम एश्योर्ड, पिछली मृत्यु दर का अनुभव और अन्य कारकों के आधार पर इंश्योरेंस कंपनी प्रीमियम तय करती है।
ऑर्गेनाइजेशन प्रीमियम भरता है और उसे एक मास्टर पॉलिसी जारी की जाती है। प्रीमियम का भुगतान ऑर्गेनाइजेशन करता है जो कि बिजनेस के खर्च में शामिल है। इसलिए कर्मचारी अपने ऊपर जीवन बीमा के लिए दिए गए प्रीमियम पर टैक्स में छूट का लाभ नहीं उठा सकते हैं।