Jet Airways संकट का दिख रहा असर, एविएशन सेक्टर में सैलरी आधी हुई
जेट एयरवेज (Jet Airways) एयरलाइन के संचालन ठप हो जाने की वजह से एविएशन सेक्टर पर बहुत बुरा असर पड़ा है. इस कंपनी के 22000 कर्मचारी एक झटके में बेरोजगार हो गए. इनमें से 16000 कंपनी की पे-रॉल पर थे, जबकि 6000 कर्मचारी अनुबंध पर थे. 22000 कर्मचारियों में से 1300 के आसपास पायलट और 2000 केबिन क्रू मेंबर हैं. इनके बेरोजगार होने का फायदा दूसरे एयरलाइन ने उठाया और आधी सैलरी पर इन्हें नई नौकरी मिली. इन तमाम परिस्थितियों को लेकर ऑनलाइन भर्ती कंपनियों का मानना है कि विमानन सेवा बाजार में लघु अवधि में वेतन कुछ कम रह सकते हैं.
पिछले दिनों, जब जेट के कुछ कर्मचारियों ने स्पाइस जेट को ज्वाइन किया था, तब ऐसी खबर आई थी कि इन्हें 50 फीसदी तक कम सैलरी ऑफर की गई है. उस दौरान यह भी कहा गया था कि जेट अपने कर्मचारियों को इंडस्ट्री में सबसे बेहतर सैलरी ऑफर करती थी. जेट के कर्मचारियों की सैलरी औसत सैलरी से ज्यादा है, इसलिए दूसरे एयरलाइन ने इन्हें अपने मुताबिक, सैलरी ऑफर की है. जान बूझकर उनके बेरोजगार होने का फायदा नहीं उठाया गया है. इसमें कोई दो राय नहीं है कि इन बेरोजगार कर्मचारियों का स्किल सेट एविएशन सेक्टर के मुताबिक है. इसलिए, ये नई नौकरी भी इसी फील्ड में चाहते हैं जिससे डिमांड के मुकाबले सप्लाई ज्यादा हुआ. इसका सीधा असर इनकी सैलरी पर दिख रहा है.
माइकल पेज इंडिया के निदेशक मोहित भारती ने कहा कि मौजूदा स्थिति में बड़ी संख्या में पेशेवर ऐसे हैं जो आधे वेतन पर भी काम करने को तैयार हैं. हालांकि, यह स्थिति लघु अवधि के लिए है. आगे चलकर विमानन क्षेत्र तेजी से बढ़ेगा. इसी तरह की राय जाहिर करते करते हुए टीमलीज सर्विसेज के उपाध्यक्ष (नियुक्ति) अजय शाह ने कहा कि जेट के ऊंचे वेतन ढांचे की वजह से वेतन को तर्कसंगत किया जाएगा. आपूर्ति अधिक होने की वजह से भी ऐसी स्थिति बनेगी. उन्होंने कहा कि किंगफिशर एयरलाइंस के आने के बाद विमानन क्षेत्र में वेतन काफी ऊंचा हो गया था. इस वजह से अन्य एयरलाइन को भी प्रतिभाओं को रोकने के लिए वेतन बढ़ाना पड़ा था.
कर्मचारी खोज कंपनी ग्लोबल हंट के प्रबंध निदेशक सुनील गोयल ने कहा कि प्रशिक्षित कर्मचारियों के पास काफी अवसर होंगे. वे अन्य एयरलाइंस में काम कर सकेंगे या फिर अन्य क्षेत्रों में भी हाथ आजमा सकते हैं. नियुक्ति पोर्टल शाइन.कॉम के मुख्य कार्यकारी जैरुस मास्टर ने कहा कि दिसंबर में जेट का संकट शुरू होने के बाद पोर्टल पर पायलटों की नियुक्ति बढ़ी है. इसमें नए और अनुभवी पायलट दोनों हैं.