अगर आप भी सेकंड हैंड कार लोन पर खरीद रहें तो इन बातों का रखें खास ख्याल…
बहुत से लोग कार खरीदने के सपने को सेकंड हैंड कार खरीद कर पूरा करते हैं, अगर आपका भी बजट कम है तो सेकंड हैंड कार खरीद सकते हैं। सेकंड हैंड कार की कीमत काफी कम होती है और अगर इन्हें लोन पर लिया जाता है तो पैसा चुकाने में ज्यादा आसानी हो जाती है। भारत में कई बैंक जैसे भारतीय स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक आदि और अन्य फाइनेंस कंपनियां आसानी से लोन मुहैया करवाती हैं।
लोन पर सेकंड हैंड कार खरीदने से पहले कार के बारे में पूरी तरह से जानकारी एकत्रित कर लेनी चाहिए। सबसे कार की स्थिति, रजिस्ट्रेशन डेट और किलोमीटर कवर की जांच कीजिए। बाजार में इसके स्पेयर पार्ट्स मौजूद हैं और इसकी सर्विस होती है। सेकंड हैंड कार के लिए लोन लेना नई कार के लोन से मुश्किल साबित होता है, क्योंकि इसमें कार की उम्र और मॉडल फाइनेंस के लिए बहुत ज्यादा मायने रखता है। इसके अलावा सेकंड हैंड कार के लिए लोन एक नई कार के लिए औसतन 3 फीसद अधिक है। अगर आप भी प्लान सेकंड हैंड कार को लोन पर खरीदने की प्लानिंग कर रहे हैं तो इन चीजों पर ध्यान दें।
ब्याज दर: सेकंड हैंड कार के लिए लोन पर ब्याज दर कार की उम्र के अनुसार 10.50 फीसद से 18 फीसद प्रति वर्ष के बीच होती है। सेकंड हैंड कार लोन की तुलना के लिए ऑनलाइन आप एग्रीगेटर्स का इस्तेमाल कर सकते हैं। एसबीआई से सेकंड हैंड कार लोन की ब्याज दर 12.60 फीसद से शुरू होती है। एचडीएफसी से सेकंड हैंड कार लोन की ब्याज दर 15.50 फीसद से शुरू होती है। आमतौर पर बैंक कार की कीमत का 80 से 85 फीसद तक लोन देते हैं।
लोन प्रोसेसिंग में अधिक समय लगता है: सेकंड हैंड कार के लिए लोन लेना काफी लंबी प्रक्रिया है। खरीदार के नाम पर कार के पेपर ट्रांसफर करने के लिए एफिडेविट को लेकर खरीदार और विक्रेता के बीच सहमति जरूरी होती है। उसके बाद बैंक रजिस्ट्रेशन लेटर और इंश्योरेंस पेपर की जांच करता है, जिसे खरीदार के नाम पर ट्रांसफर किया जाना चाहिए। लोन एप्रूव्ड होने से पहले 4-5 दिन लगते हैं।
लोन अवधि: सेकंड हैंड कार के लिए अधिकतर बैंक 5 साल की अवधि के लिए लोन देते हैं। कई बार लोन का कार्यकाल कार की उम्र और कंडीशन पर डिपेंड करता है। 5 साल से ज्यादा पुरानी कार होने पर लोन होने के चांस कम रहते हैं।
प्रॉपर डॉक्यूमेंटेशन: सभी दस्तावेजों की ठीक से जांच करनी चाहिए। बैंक लोन की मंजूरी से पहले कागजात को सत्यापित करेंगे और कार की पूरी तरह से जांच की जाएगी। सेकंड हैंड कार की वेल्यू उसके इस्तेमाल के अनुसार तय होती है। अब तक इस कार को कितने लोगों ने चलाया है यह कितने लोगों के नाम पर गई है।