कान्हा उपवन में गोबर से लट्ठा, धूपबत्ती बनाने के बाद अब बनाई जाएगी गैस भी….

कान्हा उपवन में गोबर से लट्ठा, धूपबत्ती बनाने के बाद अब गैस भी बनाई जाएगी। हर दिन दो सौ टन गोबर से गैस तैयार की जाएगी। एक निजी कंपनी के सहयोग से नगर निगम गोबर का उपयोग करेगा। निजी कंपनी को नगर निगम ढाई एकड़ जमीन उपलब्ध कराएगा और कंपनी नगर निगम को हर वर्ष पांच लाख रुपये जमीन का किराया देगी। इसके अलावा गैस से होने वाली आय से भी प्रतिमाह पंद्रह लाख रुपये नगर निगम को मिलेंगे।

इस कंपनी का इंडियन ऑयल से भी अनुबंध है और वह उसे गैस बेच देगी। नगर आयुक्त डॉ.इंद्रमणि त्रिपाठी ने बताया कि नगर निगम को कान्हा उपवन का गोबर खपाने में परेशानी हो रही थी। उससे लट्ठा और धूपबत्ती तो बनाई रही है, लेकिन इसके बाद भी गोबर बच जाता है। इसलिए कई संस्थानों को मुफ्त में गोबर देना पड़ा था। बारिश में उसे रखने की परेशानी बढ़ जाती है। दिल्ली की एक कंपनी से इस संबंध में बात हो रही है। यह कंपनी हर दिन दो सौ टन गोबर से कई तरह की गैस बनाएगी। गोबर के शेष भाग का वह खाद तैयार करेगी।

नगर अभियंता एसएफए जैदी ने बताया कि कंपनी जमीन का पांच लाख सालाना किराया भी देगी। इसके अलावा गैस की बिक्री से होने वाली आय से 15 लाख माह नगर निगम को देगी। कंपनी के प्रतिनिधियों से मंगलवार शाम कई ङ्क्षबदुओं पर वार्ता हो चुकी है और जल्द ही आगे की कार्ययोजना बना ली जाएगी।

यहां हैं 12 हजार पशु

कान्हा उपवन में मौजूदा समय बारह हजार के करीब गोवंश हैं और भारी मात्र में गोबर होता है। औसतन एक पशु 14 किलो तक गोबर त्यागता है। कई सौ एकड़ में बने कान्हा उपवन में शहर से पकड़कर लाए जा रहे पशुओं को रखा जाता है।

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